बिहार : बाढ़ राहत शिविर में 'प्रलय', फिर जानिए क्या हुआ

बिहार : बाढ़ राहत शिविर में 'प्रलय', फिर जानिए क्या हुआ

MUNGER : बाढ़ की परेशानी ख़ुशी में उस वक्त तब्दील हो गई जब राहत शिविर में दो बच्चों का जन्म हुआ. बच्चों की किलकारी से सभी लोग अपनी परेशानी भुलाकर खुश हो गए. 


दरअसल, मुंगेर जिले के नौवागढ़ी दक्षिणी और नौवागढ़ी उत्तरी पंचायत के बाढ़ पीड़ितों के लिए मध्य विद्यालय में राहत शिविर बनाया गया है. यहां करीब 1200 पुरुष, एक हजार महिलाएं और बच्चे शरण लिए हुए हैं. यहां नौवागढ़ी दक्षिणी की मुखिया विभा कुमारी ने बताया कि रीना कुमारी नाम की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर शिविर में ही स्वास्थ्य विभाग की टीम की मदद से प्रसव कराया गया. रीना ने एक स्वस्थ्य बेटे को जन्म दिया. जन्म लेने के बाद लोगों ने उसका नाम प्रलय रख दिया है. 


वहीं, दूसरी ओर पुनम कुमारी नाम की एक महिला ने बेटी को जन्म दिया. दोनों जच्चा और बच्चा स्वस्थ्य हैं. सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार आलोक ने बताया कि सभी राहत शिविर में स्वास्थ्य विभाग की टीम को लगाया गया है. महिला डॉक्टर , एएनएम और तकनीशियन की टीम को लगाया गया है. 

आपको बता दें कि बाढ़ राहत शिविर में रह रही गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके आर्थिक बोझ का भार जिला प्रशासन उठा रहा है. बाढ़ राहत शिविर में कोई गर्भवती महिला को बच्ची को जन्म देती है तो 15 हजार और बेटे को जन्म देती है 10 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिये जायेंगे. राहत शिविर में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर पूरा ख्याल रखा जा रहा है. गर्भवती महिलाओं के लिए शिविर में अलग व्यवस्था भी की गई है.