PATNA : फर्जी डिग्री पर काम कर रहे नियोजित शिक्षकों को लेकर हाईकोर्ट ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। पटना हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को जल्द अपनी डिग्री की जांच कराने का आदेश दिया है। अगर नियोजित शिक्षकों ने अपनी डिग्री की जांच नहीं कराई तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा। डिग्री की जांच नहीं कराने वाले शिक्षकों को फरवरी महीने का वेतन नहीं मिलेगा। साथ ही डिग्री की जांच में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने दिया है।
बुधवार को चीफ जस्टिस संजय करोल और न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने रंजीत पंडित की तरफ से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार को आवश्यक निर्देश दिया है। कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को करेगा। याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि अभी भी हजारों फर्जी शिक्षक नौकरी में बने हुए हैं और वेतन ले रहे हैं। निगरानी की जांच धीमी होने के कारण फर्जी शिक्षक अपने पद पर बने हुए हैं। निगरानी के सीनियर वकील अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि निगरानी अपना काम पूरी ईमानदारी से कर रहा है लगभग 3 लाख शिक्षकों की जांच की जा रही है। अब तक 1275 डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं और 489 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है
हालांकि उन्होंने बताया कि अभी भी हजारों की संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जिन्होंने अपनी डिग्री जांच के लिए नहीं दी है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में निगरानी ब्यूरो को 2 हफ्ते की मोहलत देते हुए कहा है कि वह अगली तारीख पर अपडेट रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करें। हाईकोर्ट ने कहा है कि रिपोर्ट ऐसी होनी चाहिए जिससे मालूम पड़ेगी अब तक कितनी डिग्रियां जांच के लिए भेजी गई है और कितनों की जांच पूरी की जा चुकी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने जांच में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जो शिक्षक अपने सर्टिफिकेट की जांच में देरी कर रहे हैं उन्हें अगले महीने से वेतन नहीं देने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए।