ईडी के लालू परिवार पर शिकंजे से बौखलायी RJD: सत्ता से हटे मोदी तो उन्हें भी ED, CBI का चक्कर काटना होगा, जानिये क्यों फंसी हेमा यादव?

ईडी के लालू परिवार पर शिकंजे से बौखलायी RJD: सत्ता से हटे मोदी तो उन्हें भी ED, CBI का चक्कर काटना होगा, जानिये क्यों फंसी हेमा यादव?

PATNA:  लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के मामले की जांच कर रही ईडी ने मंगलवार को कोर्ट में नयी चार्जशीट दायर की है. ईडी की ओर से सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई है. इसमें लालू यादव की एक और बेटी हेमा यादव को भी आरोपी बनाया गया है. ईडी की नई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में हेमा यादव के अलावा राबड़ी देवी, मीसा भारती, अमित कात्याल, हृदयानंद चौधरी समेत कुल सात लोगों को आरोपी बनाया गया है. लालू परिवार पर चल रहे मुकदमे में हेमा यादव नया नाम है. हेमा यादव लालू परिवार की पांचवी संतान है.


चार्जशीट के बाद बौखलायी राजद

ईडी की नयी चार्जशीट के बाद राजद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चेतावनी दी है. राजद के सांसद मनोज झा ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि ईडी की चार्जशीट को बीजेपी के दो नेताओं ने तैयार करवाया है. उनका इशारा नरेंद्र मोदी और अमित शाह की ओर था. 


मनोज झा ने कहा कि ये मामला 2008 का है, यानि 16 साल पुराना मामला है. इसमें रेलवे मंत्रालय ने कोई शिकायत नहीं की है. आज भी रेलवे के अधिकारियों का इस केस में नाम नहीं है. घर की महिलाओं का नाम चार्जशीट में दे दिया गया है, जिनका रेलवे के कार्य संचालन से कोई मतलब नहीं था. ये सब हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए किया जा रहा है. अमित कात्याल सीबीआई का प्रोटेक्टेड गवाह है, उनको ईडी उठा रही है. ये कौन सा कानून है.


नरेंद्र मोदी, अमित शाह को चक्कर काटना पड़ेगा

मनोज झा ने कहा- हम जान रहे हैं कि आप समन पर समन आप दीजियेगा. लेकिन आपकी ये बदले की राजनीति जल्द खत्म होने जा रही है. मैं आगाह कर रहा हूं नरेंद्र मोदी को. सत्ता का चरित्र है, हमेशा साथ नहीं रहती है. कल को आपको बड़े चक्कर काटने पड़ेगे ईडी, सीबीआई और आईटी के. 


क्यों फंसी हेमा,मीसा और राबड़ी?

मनोज झा कह रहे हैं कि लालू परिवार की महिलाओं का रेलवे के कामकाज से कोई मतलब नहीं है. लेकिन जानिये क्यों ईडी ने लालू यादव की बेटियां मीसा भारती औऱ हेमा यादव के अलावा राबड़ी देवी को चार्जशीट में अभियुक्त बनाया है. दरअसल, ईडी और सीबीआई दोनों का ये कहना है कि लालू यादव ने 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते बिना किसी प्रक्रिया के जुबानी नौकरी बांटी. बगैर किसी विज्ञापन, इंटरव्यू और परीक्षा के सीधे नौकरी दे दी गयी. रेलवे के देश भर के डिवीजन में बडे पैमाने पर ऐसी बहाली की गयी.


ईडी और सीबीआई दोनों ने ऐसे कई मामले उजागर किये हैं. दोनों एजेंसियों का आऱोप है कि ऐसे व्यक्ति को रेलवे में बिना कागज, प्रक्रिया के नौकरी दी गयी, जिनके सगे संबंधियों ने अपनी जमीन लालू परिवार के नाम रजिस्ट्री कर दी थी. नौकरी पाने वालों के सगे संबंधियों ने अपनी जमीन राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, हेमा यादव के नाम रजिस्ट्री की थी. इसके कारण ही इन सबों को मामले में अभियुक्ति बनाया गया है.


क्यों फंसी हेमा यादव?

दरअसल, लालू यादव के साथ साथ राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और मीसा भारती पहले से रेलवे के केस में अभियुक्त हैं. ईडी ने जो ताजा चार्जशीट दायर की है उसमें नया नाम हेमा यादव का है. हेमा यादव लालू-राबड़ी की पांचवी संतान हैं. उनकी शादी राजनीतिक परिवार में हुई है. उनके पति का नाम विनीत यादव है. वे मूल रूप से हरियाणा के रिवाड़ी के रहने वाले हैं लेकिन अब एनसीआर में रहते हैं. विनीत भी राजनीति करते हैं लेकिन किसी बड़े पद पर नहीं हैं.


पटना की ढ़ाई कट्ठा जमीन गिफ्ट मिल गयी

करीब डेढ़ साल पहले सीबीआई ने रेलवे में खलासी काम करने वाले हृदयानंद चौधरी नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था. हृदयानंद चौधरी को लालू यादव के रेल मंत्री रहते बिना किसी कागज और प्रक्रिया के नौकरी दी गयी थी. बाद में ये हृदयानंद चौधरी लालू यादव की बेटी हेमा यादव का मुंहबोला भाई बन गया और उसने पटना में करीब ढ़ाई कट्ठे का एक प्लॉट अपनी मुंहबोली बहन हेमा यादव को गिफ्ट कर दिया. अपने नाम पर जमीन लिखवाने वाली हेमा यादव को इसी कारण जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में अभियुक्त बनाया गया है.