BHAGALPUR : नेताओं और पुलसीवालों के स्टिंग सामने आते रहते हैं. लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है. दरअसल एक सिपाही ने ही डीएसपी और दारोगा के साथ-साथ पत्रकारों का भी स्टिंग कर लिया. जब यह मामला सामने आया तो गुस्से से आगबबूला डीएसपी ने एसपी से कार्रवाई की मांग कर दी है.
मामला भागलपुर जिले का है. जहां ट्रैफिक थाने में डीएसपी आरके झा और सीटीएस के दारोगा अमित कुमार के बीच हो रही बातचीत का स्टिंग करते सिपाही मुकेश तिवारी पकड़ा गया. मुकेश ट्रैफिक थाने में टाइपिस्ट के पद पर तैनात है. उसने अपने मोबाइल से चोरी छिपे चेंबर में बैठे डीएसपी, दारोगा और पत्रकारों की बातचीत का वीडियो बना लिया. सबके फुटेज कैमरे में कैद कर लिए, लेकिन, डीएसपी को स्टिंग की भनक लगते ही उन्होंने सिपाही से मोबाइल लेकर जांच की तो उसमें सारे फोटो और वीडियो मिले. यह देख डीएसपी आगबबूला हो उठे. सिपाही से पूछा तो उसने कहा कि वह सेल्फी ले रहा था.
डीएसपी ने सिपाही पर अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा एसएसपी से की है. सिपाही के मोबाइल पर पुलिस लाइन समेत अन्य कई थानों के वीडियो भी मिले हैं, जिसे चोरी छिपे बनाया गया था. सीटीएस में तैनात दारोगा अमित कुमार की ऑल्टो कार को ट्रैफिक इंस्पेक्टर केके शर्मा ने सोमवार को कचहरी चौक पर चेकिंग में पकड़ा. ड्राइवर ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था. गाड़ी में सीटीएस के दारोगा अमित कुमार के भाई स्वर्णदीप कुमार बैठे थे और गाड़ी परवेज चला रहा था. दारोगा के भाई ने अपना परिचय दिया और भाई को फोन मिलाकर ट्रैफिक इंस्पेक्टर को बात करने का अनुरोध किया, लेकिन इंस्पेक्टर ने बात नहीं की.
आरोप है कि ड्राइवर और दारोगा के भाई को इंस्पेक्टर ने भला-बुरा कहा और लात भी मार दी थी. फाइन देने के लिए दारोगा के भाई तैयार हुए तो इंस्पेक्टर ने कार को जब्त कर कोतवाली भेज दी. मामले की जानकारी पाकर दारोगा अमित कुमार कोतवाली पहुंचे और ट्रैफिक थाने में बैठे यातायात डीएसपी आरके झा को पूरे मामले की जानकारी दी. पत्रकार भी समाचार संकलन के लिए ट्रैफिक थाने पहुंच गए. ट्रैफिक डीएसपी दारोगा अमित, उनके भाई और ड्राइवर से पूरे मामले की जानकारी ले रहे थे, इसी दौरान बगल की कुर्सी पर बैठा सिपाही मुकेश तिवारी सेल्फी लेने के बहाने डीएसपी, दारोगा और पत्रकारों का चोरी से वीडियो बनाने लगा. डीएसपी जब सिपाही मुकेश से मोबाइल ले रहे थे, उसी दौरान उसने वीडियो को मोबाइल से डिलीट कर दिया. लेकिन डीएसपी, दारोगा के भाई, ड्राइवर, दारोगा और पत्रकारों की फोटो को वह डिलीट नहीं कर पाया. उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए एसएसपी से अनुशंसा की गई है.