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1st Bihar Published by: Updated Mon, 25 Jul 2022 10:27:53 AM IST
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DESK : राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है. वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं. द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर आदिवासी समाज में खुशी का माहौल है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण के बाद अपना संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं. आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी. मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था. लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी. ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है.
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है. मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं. मैं आज समस्त देशवासियों को, विशेषकर भारत के युवाओं को और भारत की महिलाओं को ये विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर कार्य करते हुए मेरे लिए उनके हित सर्वोपरि होंगे.