MOTIHARI : सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की प्रदूषित शहरों की जारी की गई सूची में पूर्वी चंपारण जिला का मोतिहारी शहर पहले स्थान पर है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का जो रिपोर्ट सामने आया है, वह काफी चौंकाने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार मोतिहारी शहर की हवा काफी जहरीली हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जो रिपोर्ट साझा किया गया है। उसमें देश के 135 शहरों में सबसे दूषित हवा मोतिहारी शहर की बताई गई है। रिपोर्ट आने के बाद पूर्वी चंपारण जिला के डीएम ने अधिकारियों को इसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट आने के बाद शहर के चिकित्सकों ने भी चिंता व्यक्त की है। शहर के चर्चित चिकित्सक आशुतोष शरण ने बताया कि शहर में ट्रैफिक की अव्यवस्था और खुले में कचरा जलाने के कारण मोतिहारी की हवा प्रदूषित हुई है। जिसके लिए कार्य योजना बनाने की जरुरत है। आशुतोष शरण ने लोगों को मास्क लगाकर घर से निकलने की सलाह दी है। मास्क लगाने से प्रदूषण के साथ ही कोविड से भी बचाव होगा।
वहीं डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रिपोर्ट की जानकारी मिली है। अधिकारियों को इसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र की जांच तेज करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही पराली जलाने वालों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। डीएम के अनुसार मोतिहारी के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हर तरह के कदम उठाये जायेंगे।
बतादें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स का मानक 0 से 50 के बीच काफी बेहतर माना जता है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 135 शहरों के एयर क्वालिटी का जांच किया है। उसके मुताबिक देश सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में मोतिहारी पहले पायदान पर है। मोतिहारी शहर का एयर इंडेक्स क्वालिटी 398 मापा गया है। जो काफी खतरनाक स्तर माना जाता है।
वहीं दूसरे स्थान पर हरियाणा का गुरुग्राम है। गुरुग्राम की एयर इंडेक्स क्वालिटी 395 है। हालांकि, यह रिपोर्ट भले ही चौकाने वाला हो, लेकिन इस रिपोर्ट को अभी पुष्ट नहीं माना जा रहा है। इन सबके बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट चाहे जो हो मोतिहारी नगर निगम का शहर को प्रदूषित करने में सबसे बड़ा हाथ है। क्योंकि नगर निगम के कर्मी शहरी क्षेत्र में एनएच किनारे कचरा फेंक कर उसमें आग लगा देते हैं। मोतिहारी शहर के प्रदूषण को कम करने के लिए नगर निगम के साथ-साथ आम लोगों को भी अपनी अहम भूमिका निभानी होगी। ताकि आने वाली पीढ़ी को हम स्वच्छ वातारण दे सकें।