DELHI : आगामी साल 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है। इसको लेकर सत्ता पक्ष के साथ ही साथ विपक्ष भी अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। विपक्ष इस बार एकजुटता को लेकर काफी एक्टिव दिख रहा है। देश के तमाम विरोधी दलों के नेता एक प्लेटर्फोर्म पर आकर भाजपा को झटका देने की रणनीति तैयार कर रहे है। यही वजह है कि अब एक बार फिर कल देश की राजधानी दिल्ली में विरोधी दलों की एक बैठक होनी है। इस बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल होने वाले हैं। उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि इसमें जेडीयू के तरफ से ललन सिंह शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उनके तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
दरअसल, सोमवार को दिल्ली में डीएमके चीफ एमके स्टालिन के नेतृत्व में महासभा होने वाली है। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत विपक्ष के टॉप के नेता एक साथ दिखने वाले हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि, इस महासभा में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी और तेलंगाना के सीएम और बीआरएस के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने भी अपने प्रतिनिधियों को हिस्सा लेने के लिए कहा है। हालांकि, कहा जा रहा है कि ये लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासभा से जुड़ेंगे। वहीं, एमके स्टालिन ऑफलाइन भाषण देंगे।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी की ओर से संजय सिंह और बीआरएस अपनी तरफ से सांसद केशव राव को भेज रही है. लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की दिशा में डीएमके दूसरी बार इस तरह की कोशिश कर रही है। हाल ही में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, तेजस्वी यादव, जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और कुछ अन्य लोग स्टालिन के 70वें जन्मदिन के मौके पर रखी गई एक रैली में शामिल हुए थे।