झाड़-फूंक के चक्कर में गई युवक की जान, सांप काटने के बाद उसे डिब्बे में लेकर पहुंचा अस्पताल, रेफर के बाद चला गया ओझा-गुणी के पास

झाड़-फूंक के चक्कर में गई युवक की जान, सांप काटने के बाद उसे डिब्बे में लेकर पहुंचा अस्पताल, रेफर के बाद चला गया ओझा-गुणी के पास

KATIHAR: बिहार के कटिहार जिले में एक युवक की मौत उसकी गलती के कारण हो गयी। यदि समय रहते इलाज होता तो शायद आज वो जीवित होता। दरअसल पेशे से मजदूर टिंपा रॉय नदी के किनारे काम कर रहा था तभी जहरीले सांप ने उसे डस लिया। सांप के काटने से वो गुस्सा हो गया और उसे जिंदा पकड़ एक डिब्बे में बंद कर दिया। फिर सांप को डिब्बे में लेकर वो आजम नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गया जहां जिंदा सांप को देखकर डॉक्टर भी दंग रह गए। 


वही डिब्बे में बंद जहरीले सांप को देखने के लिए अस्पताल में लोगों की भीड़ लग गयी। डॉक्टर ने युवक से पूछा कि सांप लेकर अस्पताल क्यों आए? तब युवक ने जवाब दिया कि आप पूछते कि कौन सांप काटा है तब हम क्या जवाब देते? सोचा कि सांप को तो पहचानते नहीं क्यों ना सांप को ही पकड़कर ले चलते हैं..सांप की पहचान के बाद इलाज जल्दी से शुरू होगा। उसकी बातें सुनकर डॉक्टर और अस्पताल कर्मी भी हैरान रह गये। फिर प्राथमिक उपचार कर डॉक्टरों ने उसे कटिहार सदर अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन युवक सदर अस्पताल ना जाकर सांप का विष निकालने वाले वैद्य हकीम और ओझा गुणी के पास चला गया। 


जहां कई घंटे तक उसे नीम के पत्ते से झाड़-फूंक किया गया लेकिन उसकी तबियत बिगड़ती चली गई। युवक की हालत बिगड़ता देख परिजन उसे फिर से आजमनगर स्वास्थ्य केंद्र ले गये। लेकिन वहां के डॉक्टर ने कहा कि मरीज को पहले ही कटिहार सदर अस्पताल रेफर किया गया था। लेकिन वो कटिहार सदर अस्पताल ना जाकर झाड़-फूंक कराने चला गया। समय पर इलाज नहीं होने की वजह से उसकी मौत हो गयी है। 


आजमनगर स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने जिस वक्त सदर अस्पताल रेफर किया गया था उसी समय यदि युवक सदर अस्पताल चला जाता तो आज उसकी जान बच सकती है। युवक को अपनी गलती की सजा मिली। एक गलती की वजह से उसकी जान चली गयी। यह सीख है उन लोगों के लिए जो झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ते हैं। इसलिए कभी इस तरह के ओझा-गुणी के चक्कर में ना पड़े। टिंपा राय की मौत से परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है पूरे इलाके में इस घटना की चर्चा हो रही है।