PATNA : आर्थिक अपराध इकाई ने बालू की लूट में शामिल दारोगा संजय प्रसाद के ऊपर जब नकेल कसी तो उसके काले कारनामे सामने आ गए. डोरीगंज के दारोगा संजय प्रसाद ने अपने वेतन से 41 से भी ज्यादा संपत्ति अर्जित कर रखी है. संजय प्रसाद 2009 बैच से नियुक्त सब इंस्पेक्टर है. 2009 से लेकर अब तक उनके वेतन से जितनी राशि जमा हो सकती है. वह लगभग 60 लाख रुपये अनुमानित है. लेकिन संजय प्रसाद के पैतृक घर बेतिया से लेकर अन्य ठिकानों पर की गई छापेमारी के दौरान जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक उसमें अकूत संपत्ति अर्जित कर रखी थी.
आर्थिक अपराध इकाई के मुताबिक संजय प्रसाद के खिलाफ जो कार्यवाही की गई, उसमें आय से अधिक 24 लाख से ज्यादा की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. संजय प्रसाद प्रधान निलंबित है और उनका मुख्यालय डीआईजी मुंगेर ऑफिस रखा गया है. मंगलवार को मुजफ्फरपुर बेतिया समेत अन्य जगहों पर ईओयू ने छापेमारी की थी और इसके बाद दरोगा संजय प्रसाद के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया.
संजय प्रसाद ने अपनी पत्नी के नाम से मुजफ्फरपुर के काजी मोहम्मदपुर इलाके में 1725 वर्ग फुट जमीन भी खरीदी है. मुजफ्फरपुर स्थित उनके किराए के फ्लैट से जमीन की रजिस्ट्री पर खर्च किए गए 71 लाख से संबंधित डॉक्यूमेंट भी मिले हैं. जबकि 2 लाख 30 हजार कैश भी बरामद किए गए हैं.
संजय प्रसाद ने इसके अलावा अन्य जगहों पर भी निवेश कर रखा था. उनके बैंक खाते में 7 लाख 10 हजार जीवन बीमा में, एक 11 लाख 24 हजार का इन्वेस्टमेंट भी सामने आया है. इतना ही नहीं एक चौंकाने वाली जो जानकारी सामने आई है. उसके मुताबिक साल 2015 में मई महीने से लेकर अक्टूबर 2017 के बीच दारोगा संजय प्रसाद ने अपने वेतन खाते से 1 रुपया की निकासी भी नहीं की. 29 महीने तक संजय प्रसाद ने बगैर सैलरी के कैसे काम चलाया. यह बताता है कि उनकी आय का स्रोत क्या था.