कोरोना ने सूनी कर दी बिहार की सियासी होली, ज्यादातर नेताओं ने होली नहीं मानने का किया फैसला

कोरोना ने सूनी कर दी बिहार की सियासी होली, ज्यादातर नेताओं ने होली नहीं मानने का किया फैसला

PATNA : कोरोना वायरस के कारण बिहार की सियासी होली सुनी हो गई है। कोरोना वायरस को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद होली के आयोजन से दूरी बनाने का फैसला किया था और उन्होंने सामूहिक रूप से होली मनाने से परहेज करने की अपील भी लोगों से की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील का बिहार पर बड़ा असर होता दिखा है। प्रधानमंत्री के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी होली नहीं मनाने का फैसला किया है। सीएम नीतीश ने प्रदेशवासियों को होली की बधाई दी है। अपने बधाई संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि रंगों का यह पवित्र त्योहार हर किसी की जिंदगी में खुशियों का नया रंग लेकर आए। नीतीश कुमार ने प्रदेशवासियों को होली का त्योहार परस्पर प्रेम, भाईचारे और सामाजिक सद्भाव के साथ मनाने की अपील की है। 


होली के मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी पटना में मौजूद नहीं रहेंगे। डिप्टी सीएम सुशील मोदी रविवार को ही बेंगलुरु चले गए हैं। वह अपने बच्चों और परिवार के साथ होली के मौके पर बेंगलुरु में मौजूद रहेंगे। उधर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास पर भी होली का आयोजन नहीं किया जाएगा। रामविलास पासवान के छोटे भाई रामचंद्र पासवान के निधन के कारण उनके परिवार में इस बार होली का त्योहार नहीं मनाया जा रहा है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी होली के दौरान पटना की बजाय दिल्ली में रहेंगे जबकि राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह होली के दिन अपने पैतृक गांव मालती में रहेंगे। नियोजित शिक्षकों की हड़ताल को देखते हुए शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने भी होली नहीं मनाने का फैसला किया है।


होली को लेकर कुछ ऐसे ही उदासी महागठबंधन के पाले में भी छाई रहेगी। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने ऐलान कर दिया है कि बिहार में नियोजित शिक्षकों की हड़ताल को देखते हुए इस बार होली नहीं मनाएंगे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर होली को लेकर अब तक कोई तैयारी नहीं की गई है। उधर तेज प्रताप यादव अपने पटना स्थित आवाज में होली मनाएंगे। पूर्व मंत्री जीतन मांझी भी अपने पैतृक गांव में होली के दिन लोगों से मुलाकात करेंगे।