PATNA : कोरोना से श्मशान में तब्दील होते जा रहे बिहार में ऑक्सीजन की भारी कमी के बीच बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट में सनसनीखेज दावा कर दिया. राज्य सरकार ने आज हाईकोर्ट को कहा कि बिहार में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. नाराज हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को जमकर फटकार लगायी है. पटना हाईकोर्ट अब बिहार में कोरोना के इलाज और ऑक्सीजन की कमी को लेकर हर रोज सुनवाई करेगी. हाईकोर्ट ने एम्स के डॉक्टरों की एक टीम को विशेष अधिकार देते हुए बिहार के अस्पतालों में कोरोना के इलाज के दावों की जांच करने को कहा है.
दरअसल पटना हाईकोर्ट में जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ बिहार में कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलने के मामले की सुनवाई कर रही है. इस बाबत हाईकोर्ट में कई जनहित याचिकायें दायर की गयी हैं. राज्य सरकार ने आज हाईकोर्ट में दावा किया कि बिहार में ऑक्सीजन की कमी नहीं है. राज्य सरकार के दावों पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऑक्सीजन की कमी की खबरें रोज आ रही है. लेकिन सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.
सरकारी दावों की होगी जांच
हाईकोर्ट ने पटना एम्स के डॉक्टरो की अगुवाई में एक तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन करते हुए उसे विशेष अधिकार दे दिये हैं. पटना एम्स में एनेस्थेसिया विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ उमेश भदानी की अध्यक्षता में एम्स में जेनेरल मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रवि कीर्ति और सीजीएच पटना के क्षेत्रीय पदाधिकारी डॉ रवि शंकर सिंह के रूप में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित ये कमेटी पटना के तमाम कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजेंन आपूर्ति , बेड की व्यवस्था और रोजाना कितने कोविड टेस्ट हुए इन सबों का हर रोज आंकड़ा लेगी. कोर्ट ने बिहार के स्वास्थ्य महकमे के प्रधान सचिव को कहा है कि सरकार पटना के सभी कोविड अस्पतालों के अधीक्षकों को निर्देश दे कि वे इस तीन सदस्यीय कमेटी के मांगने पर सही आंकड़ा पेश करें. कोर्ट ने राज्य स्वास्थ समिति , निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं और दूसरे आला अधिकारियों को भी निर्देश जारी किया है. उनसे कहा गया है कि वे इस कमेटी के सदस्यों की हर तरह से मदद करें.
कोर्ट हर रोज करेगी सुनवाई
पटना हाईकोर्ट की बेंच ने आज ये कहा है कि वह हर रोज सुनवाई कर बिहार में कोरोना के इलाज की जानकारी लेगी. कोर्ट ने बिहार सरकार के रवैये पर कई तल्ख टिप्पणियां भी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति, कोरोना मरीजों के लिए बेड के इंतजाम औऱ उनके इलाज के प्रबंध की सारी जानकारी कोर्ट को दे.
हेल्थ वर्करों से मारपीट-दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं
पटना हाई कोर्ट ने इस बात पर भी हैरानी जतायी है कि एनएमसीएच औऱ दूसरे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों औक हेल्थ वर्करों के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार की खबरें लगातार मीडिया के जरिये मिल रही हैं. कोर्ट ने कहा कि वह कोरोना वॉरियर्स पर हमला या उनके साथ कोई भी दुर्व्यवहार बर्दाश्त नही करेगी. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा कि वह डॉक्टरों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ फौरन कानूनी कार्रवाही करे.
केंद्र सरकार से भी मांगा जवाब
पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को भी ये बताने को कहा है कि बिहार को उसके कोटे के मुताबिक ऑक्सीजन की आपूर्ति क्यों नहीं की जा रही है. दरअसल कोर्ट का ध्यान इस ओऱ आकृष्ट किया गया था. कोर्ट को बताया गया था कि केंद्र सरकार कई राज्यों के लिए ऑक्सीजन का प्रबंध कर रही है लेकिन बिहार को उसके कोटे के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है.
कोर्ट ने जारी किया है ईमेल आईडी
इससे पहले पिछले शुक्रवार यानि 23 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को हाईकोर्ट की एक ईमेल आईडी बनाने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि इस मेल आई डी को पूरे बिहार में प्रचारित कराया जाये. जिस किसी हॉस्पीटल को ऑक्सीजन की किल्लत हो वह सीधे हाईकोर्ट के मेल भेजे. कोर्ट की ओर से संबंधित जिलाधिकारी से बात कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को कहा जायेगा. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को ईमेल आईडी जारी कर दिया गया है.