PATNA : कोरोना का असर इस बार कई पर्व-त्योहारों और आयोजनों पर देखने को मिल रहा है. इसी कड़ी में सोनपुर मेला के लगने पर भी सरकार ने रोक लगा दी है. बिहार में गठित नयी सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने साफ़ तौर पर कह दिया है कि इस साल कोरोना को लेकर जैसे श्रावणी मेला के साथ गया का पितृपक्ष मेला नहीं लगा, वैसे हीं विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र का सोनपुर मेला भी नहीं लगेगा साथ हीं मंत्री ने कहा कि इसकी भरपाई अगले साल के मेले में की जाएगी और अगले साल खूब धूमधाम के साथ इस मेले का आयोजन किया जाएगा.
आपको बता दें कि एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला के नाम से प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र में कई संप्रदायों के लोगों की आस्था जुड़ी है. इस क्षेत्र से सबसे बड़े पशु मेला होने का गौरवशाली इतिहास जुड़ा है. इस मेले में आस्था, लोक संस्कृति और धार्मिक पहलू का समागम होता है. लोकसंस्कृति और आस्था से जुड़े इस मेले का शुभारंभ कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है जो एक महीने तक अनवरत चलता रहता है. इस मेले में देश विदेश से दर्शकों के आने का सिलसिला ,सा चलता रहता है. लेकिन इस साल कोरोना ने दर्शकों के साथ व्यापारियों को भी मायूस कर दिया है.
इस मेले के बारे में बताया जाता है कि यहां मौर्यकाल से लेकर अंग्रेज के शासन काल तक राजा-महाराजा हाथी-घोड़े खरीदने आते थे. आज भी अलग अलग राज्यों से व्यापारी अपने पशुों को खरीद बिक्री के लिए इस मेले में एकत्रित होते हैं. व्यापार के साथ साथ इस मेले से जुड़ा धार्मिक मान्यता भी है. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लाखों श्रद्धालु मोक्ष की कामना के साथ पवित्र गंगा और गंडक नदी में डुबकी लगाने आते हैं बाबा हरहर नाथ का दर्शन करते हैं .आस्था, लोकसंस्कृति और आधुनिकता के रंग में सराबोर सोनपुर मेले में बदलते बिहार की झलक भी देखने को मिलती रही है.