Singer Death: मनोरंजन जगत में शोक की लहर, मशहूर गायक जुबिन गर्ग का निधन; स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ हादसा BIHAR NEWS : हिलसा और दरभंगा में दो बड़ी सड़क योजनाओं को मंजूरी, 60 करोड़ से ज्यादा होंगे खर्च Bihar News: बिहार के इस जिले में स्टेट हाईवे होगा चौड़ा, सरकार ने दी मंजूरी; खर्च होंगे इतने करोड़ Bihar News: बिहार के इस जिले में स्टेट हाईवे होगा चौड़ा, सरकार ने दी मंजूरी; खर्च होंगे इतने करोड़ Amrit Bharat Express Train: इस दिन से शुरू होगा सहरसा-अमृतसर अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का नियमित परिचालन, जानिए.. किराया Amrit Bharat Express Train: इस दिन से शुरू होगा सहरसा-अमृतसर अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन का नियमित परिचालन, जानिए.. किराया Success Story: कौन हैं IAS मित्ताली सेठी? जिन्होंने अपने बच्चों का सरकारी स्कूल में कराया दाखिला, जानिए... Bihar Politics: केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर की अचनाक तबीयत बिगड़ी, एयर एम्बुलेंस से लाया गया पटना UPPSC AE Mains Exam: यूपीपीएससी सहायक अभियंता मुख्य परीक्षा 2025 का एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड UPPSC AE Mains Exam: यूपीपीएससी सहायक अभियंता मुख्य परीक्षा 2025 का एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड
1st Bihar Published by: Updated Thu, 28 Jan 2021 12:32:18 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : कोरोना महामारी के दौर में सरकार ने लोगों से वादा किया था कि कोरोना की वजह से मरने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. मुख्यमंत्री राहत कोष से आश्रितों को यह आर्थिक मदद दी जानी है लेकिन सरकार ने जो वादा कोरोना काल में किया वह पूरा नहीं हो पा रहा है.
पटना में कोरोना की वजह से अब तक 409 मरीजों की मौत हुई है लेकिन इसमें से केवल 134 से मृतकों के परिजनों को ही सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता राशि मिल पाई है. कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई उनके परिजन आज भी सिविल सर्जन कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. दरअसल, राज्य स्वास्थ्य समिति के वेब पोर्टल पर आ रही तकनीकी परेशानी के कारण परिजनों को सीएम राहत कोष से मिलने वाली यह राशि लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कोरोना से जिन लोगों की मौत हो गई उनका वेरिफिकेशन जिला सिविल सर्जन कार्यालय को करना है. वेरिफिकेशन के बाद सिविल सर्जन कार्यालय से जानकारी राज्य स्वास्थ्य समिति के पोर्टल पर भेजी जाती है, मगर बताया जा रहा है कि पोर्टल में जानकारी अपडेट करने में समस्या हो रही है जिसकी वजह से लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं. तकनीकी परेशानी यह है कि अगर किसी व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई और 2 दिन के अंदर पोर्टल पर जानकारी अपडेट नहीं की गई तो इसे पोर्टल बाद में अपडेट नहीं ले रहा. आर्थिक सहायता मिलने में व्यवहारिक परेशानी यह है कि जिस किसी परिवार के शख्स की मौत कोरोना की वजह से हुई हो, वह पहले अपनी परेशानी का सामना करेगा या फिर मुआवजे के लिए 2 दिन के अंदर सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाएगा.
सरकारी दांवपेच में मामला इस कदर उलझा हुआ है कि 40 फ़ीसदी से भी कम लोग अब तक मुआवजे की राशि ले पाए हैं. प्रदेश में अब तक 409 से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत हुई है लेकिन इसमें से कितनों को अब तक आर्थिक मदद मिल पाई है, यह एक बड़ा सवाल है. इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग ने अब तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है. पटना जिले से मुआवजा लेने वाले लोगों के लिए एक बड़ी शर्त यह रखी है कि अगर कोरोना से किसी मरीज की मौत हुई है तो उसका अंतिम संस्कार भी पटना में ही किया जाना चाहिए. इसके लिए विशेष विद्युत शवदाह गृह बनाया गया है, वेरिफिकेशन में इस कॉलम को भी रखा गया है. जिन लोगों के परिजनों की मौत कोरोना से हुई है, वह लगातार डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं.