DESK: बिहार में दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। तारापुर और कुशेश्वरस्थान यही दो सीट है जिसे लेकर महागठबंधन की दो पार्टियों ने अपना अलग-अलग उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा है। दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस और राजद अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। जब घटक दल के साथी ही अलग हो गये इस उपचुनाव में तो ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच जुबानी हमला भी तेज हो गयी है। आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस की वजह से ही तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बन सके।
दरअसल शिवानंद तिवारी का यह कहना था कि बिहार विधानसभा चुनाव में यदि कांग्रेस 70 सीटों की जगह 50 सीटों पर ही चुनाव लड़ी होती तो आज बिहार में महागठबंधन की सरकार होती और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री होते। लेकिन एक गलती के कारण सब कुछ उल्टा पड़ गया। आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि अब महागठबंधन में शामिल कांग्रेस का भविष्य उपचुनाव के परिणाम तय करेंगे।
अब यदि कांग्रेस की जीत होती है तो वह पहले की तरह सीट का दावा कर सकते हैं लेकिन यदि रिजल्ट गड़बड़ हुआ तो इस तरह सीटों की मांग दोबारा नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस की ओर से उपचुनाव में जीत के दावे पर कहा कि यह देखना जरूरी है कि राजद और कांग्रेस का बिहार में क्या आधार है। कुशेश्वरस्थान और तारापुर में कांग्रेस ही नहीं एनडीए भी हमारे मुकाबले कहीं नहीं है। एकतरफा चुनाव है दोनों ही सीटों पर राजद के उम्मीदवार ही जीत रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में बिहारी मजदूरों पर हुए आतंकी हमले पर शिवानंद तिवारी ने बिहार की नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार मजदूरों का सप्लायर बन गया है। बिहार में रोजगार की कमी है रोजगार नहीं मिलने के कारण लोग दूसरे प्रदेशों में पलायन करने को विवश हैं। हालांकि उन्होंने यह बात भी स्वीकार किया कि नीतीश सरकार में सड़कों और बिजली की स्थिति भी काफी सुधार हुआ है लेकिन नीतीश कुमार ने बड़ी-बड़ी जमीनों के निर्माण में राज्य के पैसा भी बर्बाद किया है।
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा मेवालाल चौधरी की मौत कैसे हुई यह सब जानते हैं उनके पीए ने जो कुछ बताया उससे क्लियर हो गया उस वक्त स्थिति बहुत दयनीय थी। पारस हॉस्पिटल और आईजीएमएस में कहीं बेड खाली नहीं थे। सरकार का सिस्टम बहुत लचर हो गया था।