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PATNA : कोरोना संक्रमण के बीच रमजान का पावन महिना चल रहा है. कुछ दिनों बाद मुस्लिम समुदाय के लोग ईद का त्यौहार मनाएंगे. लेकिन बिहार में 15 मई तक लगे लॉकडाउन को देखते हुए ईदैन कमेटी, गांधी मैदान ने बड़ा ऐलान किया है. ईदैन कमेटी ने इस साल भी शरई और देश के कानून का पालन करते हुए गांधी मैदान में ईद की नमाज नहीं होने का ऐलान किया है.
कमेटी के अध्यक्ष महमूद आलम और सचिव मिस्बाहुद्दीन ने बयान जारी कर कहा है कि पटना समेत पूरे बिहार में कोरोना की रफ्तार बढ़ी हुई है. सरकार ने 15 मई तक लॉकडाउन लगा दिया है. वहीं इस साल ईद 13 या 14 मई काे हाेगी. 12 मई काे ईद का चांद हाेने या न हाेने पर यह तय हाेगा कि ईद 13 मई काे हाेगी या 14 मई काे. अगर 12 मई काे चांद दिखा ताे ईद 13 मई काे हाेगी. 12 मई काे चांद नहीं हाेने पर ईद 14 मई काे हाेगी. गांधी मैदान में ईद की नमाज 1925 से हाे रही है. पिछले साल भी काेराेना व लाॅकडाउन की वजह से ईद की नमाज गांधी मैदान में नहीं हुई थी. यह पहला माैका हाेगा जब लगातार दाे बार ईद की नमाज गांधी मैदान में नहीं हाेगी.
नमाज ईदैन कमेटी, गांधी मैदान के अध्यक्ष महमूद आलम ने बताया कि मोहल्ले की मस्जिदों में भीड़ अधिक होने की वजह से बाकरगंज के माे. सलीम राइन ने सबसे पहले गांधी मैदान में नमाज पढ़ने की शुरुआत की थी. उनकी इस पहल में कमाल अशरफ, डॉ. अब्दुल हई, मदरसा शम्सुल होदा के संस्थापक नुरूल होदा, डॉ. कमाल अशरफ ने खूब मदद की. तत्कालीन पटना के अंग्रेज कल्क्टर से अनुमति ली गई और फिर वहां नमाज शुरू हुई.
उन्होंने बताया कि शुरू से ही यह परंपरा चली आ रही है कि मदरसा शम्सुल हाेदा के जाे प्राचार्य हाेंगे वही नमाज पढ़ाएंगे. यहां करीब 40 हजार लाेग नमाज अदा करने काे आते रहे हैं. जाे भी मुख्यमंत्री हाेते हैं, वे यहां ईद मिलन करने के लिए आते हैं. नमाज के लिए जिला प्रशासन से अनुमति ली जाती है.
इसके अलावा रमजान का आखिरी जुमा 7 मई काे है. इसे जुम्मतुलविदा भी कहते हैं. लाॅकडाउन की वजह से इस साल भी लाेग रमजान के आखिरी जुमा की नमाज घर पर ही पढ़ेंगे. वह इसलिए कि सरकार ने लाॅकडाउन के दाैरान मस्जिद समेत सभी धार्मिक संस्थानाें काे बंद कर दिया है. मस्जिद में चंद वही लाेग नमाज पढ़ेंगे जाे उस मस्जिद के पेशइमाम, माेअज्जिन व मस्जिद कमेटी से जुड़े चंद लाेग हैं.