नीतीश के विधायक बोले- बिहार में कोई ऐसा पुलिस अधिकारी नहीं है जो शराब नहीं पीता

नीतीश के विधायक बोले- बिहार में कोई ऐसा पुलिस अधिकारी नहीं है जो शराब नहीं पीता

BHAGALPUR : अपने कारनामों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने सुशासन की पुलिस को लेकर बड़ा बयान दिया है. विधायक गोपाल मंडल ने कहा है कि वे दावे के साथ कह सकते हैं कि बिहार में ऐसा कोई पुलिस अधिकारी नहीं है जो शराब नहीं पीता. विधायक ने कहा कि भागलपुर में शराब के नशे में चूर पुलिसकर्मियों ने ही थाने में संजय यादव नाम के सरकारी कर्मचारी की हत्या कर दी है. जेडीयू विधायक ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.


डीएंम-एसपी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलवा दिया
विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि भागलपुर के बरारी थाने में पुलिसकर्मियों ने सिंचाई विभाग के कर्मचारी संजय यादव की हत्या कर दी है. संजय यादव को पुलिस गले में गमछा फंसा कर घसीटते हुए घर से थाने लायी थी. थाने में उनकी हत्या कर दी गयी. विधायक ने कहा कि इस मामले में गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करा दी गयी है. भागलपुर के डीएम और एसएसपी ने फोन कर डॉक्टर से गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कराया है.


पुलिसकर्मी शराब के नशे में चूर
विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि पुलिसकर्मी ये आरोप लगा रहे हैं कि संजय यादव शराब के नशे में चूर थे. संजय यादव ने कभी शराब को हाथ नहीं लगाया था. उनकी हत्या जिन पुलिसकर्मियों ने की वे शराब के नशे में चूर थे. विधायक ने कहा कि वे दावे के साथ कह सकते हैं कि ऐसा कोई पुलिस अधिकारी नहीं है जो शराब नहीं पीता है.



थाने में हत्या के मामले को रफा दफा कर दिया गया
जेडीयू के विधायक ने कहा कि थाने में पुलिसकर्मियों ने सरकारी कर्मचारी की हत्या कर दी. लेकिन उसे रफा दफा कर दिया गया है. थाने में सीसीटीवी लगाया गया है. लेकिन उस सीसीटीवी का कैमरा छत की ओर कर दिया गया था. मामले में बरारी थाना प्रभारी को सस्पेंड करने का दिखावा किया जा रहा है. थानाध्यक्ष को अभी सस्पेंड किया गया है कुछ दिनों बाद फिर से पोस्टिंग कर दी जायेगी. विधायक ने कहा कि मृतक के परिवार वालों ने एएसपी पर आरोप लगाया है लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.


गौरतलब है होली के दिन बरारी थाना पुलिस ने सिंचाई विभाग के कर्मचारी संजय यादव को घर से पकड़ लिया था. संजय यादव को पुलिस घसीटते हुए थाने ले गयी थी. संजय बांका में सिंचाई विभाग में पोस्‍टेट थे. उसे हिरासत में लेने का विरोध उसके बेटी ने की भी की लेकिन  पुलिस ने एक नहीं सुनी. बेटी का कहना था कि उसके पिता तो तुरंत बाहर से आ रहे हैं, पुलिस उन्हें क्यों पकड़ रही है. बेटी रोती रही लेकिन पुलिस संजय यादव को घसीटते हुए ले गयी. उसने यह भी कहा कि पिता की तबियत ठीक नहीं रहती पर किसी ने उसकी एक नहीं सुनी.


बाद में थाने में ही संजय यादव की मौत हो गयी. पुलिस के मुताबिक थाने में संजय यादव से पूछताछ की जा रही थी उसी दौरान उसकी तबियत अचानक बिगड़ गई और वह मूर्छित हो गिर गया. बरारी पुलिस का कहना है कि संजय की तबियत खराब होने की शिकायत पर जवाहरलाल नेहरू अस्पताल मायागंज के आपतकालीन वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हृदय गति रुक जाने से हो गई.


हालांकि संजय यादव के परिजन औऱ स्थानीय लोग पुलिस की कहानी को सरासर झूठ करार दे रहे हैं. उनका आरोप है कि थाने ले जाकर संजय यादव की हत्या कर दी गयी. इसमें सिर्फ थानेदार ही नहीं बल्कि एएसपी भी संलिप्त है. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा भी किया है. लेकिन पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दे रही है, जिसमें पुलिस पिटाई से मौत होने की बात से इंकार किया गया है. जेडीयू के विधायक ने आरोप लगाया है कि गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनवायी गयी है.