नीतीश को झप्पी देने के बाद कुशवाहा ने सुशासन पर उठाए सवाल, कोरमत्थू रेपकांड की CBI जांच की मांग

नीतीश को झप्पी देने के बाद कुशवाहा ने सुशासन पर उठाए सवाल, कोरमत्थू रेपकांड की CBI जांच की मांग

PATNA : 10 दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर उन्हें झप्पी देने वाले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अब बिहार में सुशासन को लेकर एक बार फिर सवाल खड़ा किया है. बेलागंज स्थित कोरमत्थू में एक दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में उपेंद्र कुशवाहा ने सीबीआई जांच की मांग की है. उपेंद्र कुशवाहा आज अपनी पार्टी के नेताओं के साथ पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें हर संभव मदद देने का भरोसा दिया.


गया पुलिस पर भरोसा नहीं 
उपेंद्र कुशवाहा ने स्थानीय प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि स्थानीय प्रशासन का रवैया पीड़ित परिवार को लेकर ठीक नहीं है. ऐसे में इस बात की उम्मीद ना के बराबर है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा. ऊपर कुशवाहा ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन की विफलता के कारण इतनी बड़ी घटना घटी और अब इस मामले में आगे कार्यवाही नहीं हो रही है. कुशवाहा ने कहा कि वह खुद ना केवल बिहार के आला पुलिस अधिकारियों से इस मामले पर बात करेंगे बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात कर या मामला उनके संज्ञान में लाएंगे.


सीबीआई जांच की मांग 
कुशवाहा ने इस बात पर चिंता जताई है कि बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है और प्रशासन सुस्त बना हुआ है. रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि अगर पीड़ित परिवार को वाकई न्याय दिलाना है तो इस पूरे घटना की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए.


क्या है पूरा मामला 
बीते शुक्रवार को गया जिले के बेला गांव की है, जहां दरिंदों ने एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया. बताया जाता है कि थाना क्षेत्र के बेला गांव की एक नाबालिग शौच के लिए गांव से सटे बधार में गई थी. जब वह काफी देर के बाद घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी खोजबीन की और उसकी डेड बॉडी को एक खेत से बरामद किया. ग्रामीणों ने बताया कि शौच के लिए बधार में गई लड़की के साथ दरिंदों ने बलात्कार कर उसे मौत के घाट उतार दिया.


पुलिस के प्रति लोगों का गुस्सा 
मृतका के पिता ने बताया कि उसकी या उसकी बेटी की किसी से कोई दुश्मनी या रंजिश नहीं थी. घटना के बाद बेला गांव में मातम का माहौल छा गया. ग्रामीणों ने बताया कि घटना के बाद सुबह के 8 बजे थानाध्यक्ष को फोन पर सूचना दी गई थी, मगर पुलिस घटनास्थल पर 12 बजे पहुंची, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा.