PATNA : बिहार में एनडीए सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया है. शपथ ग्रहण के बाद लगातार इस बात का इंतजार हो रहा था कि किस मंत्री को कौन से विभाग का जिम्मा दिया जाता है. नई कैबिनेट में गृह विभाग को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच जो जिच था, वह खत्म हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग, सामान्य प्रशासन और विजिलेंस अपने पास रखा है.
बिहार में पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद भी नीतीश कुमार के लिए थोड़ी सी मुश्किल सामने दिख रही है. सियासी जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार बीजेपी पर दबाव बना रही थी. हालांकि सीएम नीतीश उनकी शर्त मानने को तैयार नहीं हुए. जेडीयू के जानकारों की मानें तो नीतीश की पहली शर्त होगी कि बिहार में अगर सरकार बने तो उन्हें पहले की तरह बेरोकटोक काम करने का मौका दिया जाये और यही कारण है कि लाख दबाव के बावजूद भी उन्होंने गृह विभाग को अपने पास रखा है.
हालांकि मंत्रिमंडल में विभागों के अलावा जेडीयू चाह रही थी कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष का पद उसके जिम्मे ही रहने दिया जाये और विजय चौधरी ही विधानसभा अध्यक्ष बने रहें लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी ने उनकी यह शर्त नहीं मानी और इस बार बिहार विधानसभा अध्यक्ष का पद भाजपा ने अपने पाले में रखा. इस रेस में बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव का नाम लगभग तय माना जा रहा है.
नीतीश कैबिनेट में शामिल उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद को वित्त मंत्री बनाया गया है. तार किशोर प्रसाद को वित्त के अलावे वाणिज्य और वन पर्यावरण विभाग भी दिया गया है. जदयू कोटे के मंत्री विजय कुमार चौधरी को ग्रामीण विकास एवं ग्रामीण कार्य विभाग का जिम्मा दिया गया है. मेवालाल चौधरी को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है जबकि अशोक चौधरी भवन निर्माण विभाग के साथ-साथ अल्पसंख्यक का जिम्मा भी दिया गया है. जदयू कोटे से महिला मंत्री शीला कुमारी को परिवहन विभाग का जिम्मा दिया गया है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को लघु जन संसाधन विभाग और विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी को मत्स्य पालन और पशुपालन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि अब तक के अधिकारिक तौर पर विभाग बंटवारे का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन सत्ता के गलियारे से सूत्रों की तरफ से जो खबर सामने आ रही है. उसके मुताबिक मंगल पांडे को एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा दिया गया है, उन्हें पथ निर्माण विभाग की भी जवाबदेही दी गई है.