CM नीतीश के कार्यक्रम में मुख्य सचिव को नहीं मिली कुर्सी, मंच के आसपास टहलते रहे सरकार के सबसे बड़े अधिकारी

CM नीतीश के कार्यक्रम में मुख्य सचिव को नहीं मिली कुर्सी, मंच के आसपास टहलते रहे सरकार के सबसे बड़े अधिकारी

PATNA : शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रबी अभियान की शुरुआत की. इस अभियान के शुभारंभ को लेकर सचिवालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें बिहार के सीएम के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री और अन्य मिनिस्टर शामिल हुए. यहां जो मंच बनाया गया था, उसपर राज्य सरकार के सबसे बड़े अधिकारी के लिए कुर्सी ही नहीं लगाई गई थी. लिहाजा वो मंच के आसपास भटकते दिखे.


यह वाकया वहां मौजूद मीडियाकर्मियों के कैमरे में भी कैद हो गया. जिसमें चीफ सेक्रेटरी को मंच के नीचे टहलते देखा जा रहा है. मंच की भी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार और अन्य लोग दिखाई दे रहे हैं. लेकिन मंच पर बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण के लिए कोई इंतजाम नजर नहीं आया. ये सभी अतिथि कुर्सी पर बैठे दिखे लेकिन राज्य के सबसे बड़े अधिकारी को मजबूरन मंच के पास टहलते देखा गया. 



हालांकि वहां मौजूद अन्य अधिकारियों की नजर जैसे ही चीफ सेक्रेटरी पर पड़ी. उनके होश उड़ गए. आनन-फानन में मंच पर मुख्य सचिव के लिए कुर्सी लगाई गई. जसिके बाद वह मंच पर चढ़े और कुर्सी पर जाकर बैठे. यह वाकया काफी हैरान करने वाला था. जब तक आयोजक अपनी भूल को सुधार कर पाते तब तक मीडिया के कैमरे में ये घटना कैद हो गई.


आपको बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रबी अभियान की शुरुआत की है. बिहार सरकार ने इस सीजन में कुल 45.10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई और 153.35 लाख मीट्रिक टन अनाज उत्पादन का लक्ष्य रखा है. 23 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई होगी और 72 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. कृषि विभाग प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 13 जिलों के किसानों को अनुदान देने की योजना बना रही है. इन किसानों को बीज आधी दर पर दी जाएगी.


बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जैविक कोरिडोर योजना में 13 जिलों के किसानों को 11,500 रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है. यह अनुदान अधिकतम ढाई एकड़ के लिए है. बिहार राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणन एजेंसी द्वारा मुफ्त में जैविक प्रमाणन की व्यवस्था की गई है. वर्ष 2020-21 में इस एजेंसी के माध्यम से राज्य के 22 हजार किसानों द्वारा किए जा रहे जैविक खेती का जैविक प्रमाणीकरण के रूप में प्रथम वर्ष में कुल 20,059 एकड़ रकबा हेतु प्रमाण पत्र दिया गया है.