PATNA : बिहार में महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी विपक्षी दलों को बीजेपी के खिलाफ एकजुट करने की मुहिम में जुट गए हैं। अपने इसी मिशन के तहत मुख्यमंत्री तीन दिनों के दिल्ली दौर पर हैं, जहां वे विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे को लेकर जहानाबाद के पूर्व सांसद और लोजपा नेता अरुण कुमार ने पर बड़ा हमला बोला है। अरुण कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार नाश के प्रतीक हैं और जहां जाते हैं नाश ही करते हैं। विपक्ष के लोगों को सोंचना होगा कि नीतीश जाने पर कही वह विपक्ष की भूमिका भी न खो दे।
पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा है कि बीजेपी ने अपनी ताकत देकर नीतीश को सत्ता के शिखर पर पहुंचाने का काम किया था। नीतीश कुमार बिहार में असफल रहे लेकिन देश में सफल होने की उनकी मंशा है लेकिन देश की जनता को ऐसा नहीं लगता है। उत्तर प्रदेश में सौ से अधिक सीटों पर चुनाव लड़े लेकिन वहां मुंह की खानी पड़ी। नीतीश कुमार बिहार के बाहर तो रिजेक्टेड हैं ही बिहार से भी रिजेक्ट कर दिए गए हैं।
लोजपा नेता ने कहा कि जिस दौर में बीजेपी ने नीतीश की राजनीत को निखारा उससे उनकी की ऊंचाई बढ़ी लेकिन लेकिन उनके नेतृत्व में बिहार में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड, सृजन घोटाला समेत कई घोटाले सामने आए। ऐसे नकली आदमी को देश की सत्ता सौंपने का जनता की कोई मंशा नहीं है। नीतीश की पूछ सिर्फ इसलिए हो रही है कि वो एनडीए से निकलकर महागठबंधन में गए हैं। वहीं जेडीयू में टूट के बीजेपी के दावे पर उन्होंने कहा कि जेडीयू पहले से ही टूटी हुई है उसे तोड़ने की कोई जरूरत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार नाश के प्रतीक हैं, जहां जाते हैं नाश ही करते हैं। विपक्ष को सोंचना होगा कि वह विपक्ष में रहेगा या विपक्ष की हैसियत को भी खो देगा। इतना तो तय है कि इनके जाने से आने वाले दिनों में विपक्ष अपनी हैसियत खो देगा। नीतीश कुमार हर मिनट पलटते रहते हैं, इसलिए तेजस्वी यादव ने उन्हें जो पलटू चाचा की उपाधि दी थी वह बिल्कुल सही थी। अरुण कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार मान चुके हैं कि उन्होंने 15 वर्षों में बिहार की जनता को धोखा देने का काम किया है। नीतीश कुमार जैसे नेताओं के कारण लोगों का विश्वास राजनीतिज्ञों से उठता जा रहा है।