बेचारे गुप्तेश्वर पांडेय, चुनाव के चक्कर में 10 हजार रूपया भी डूब गया, टिकट तो नहीं ही मिला

बेचारे गुप्तेश्वर पांडेय, चुनाव के चक्कर में 10 हजार रूपया भी डूब गया, टिकट तो नहीं ही मिला

PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव लडने के लिए आतुर होकर डीजीपी की नौकरी से इस्तीफा देने वाले गुप्तेश्वर पांडेय को एक और चूना लग गया. टिकट के चक्कर में दस हजार रूपया भी डूब गया.


क्या है मामला
दरअसल गुप्तेश्वर पांडेय को पूरी उम्मीद थी कि उन्हें बक्सर से चुनावी टिकट मिल ही जायेगा. नीतीश कुमार ने उन्हें आनन फानन में वीआरएस देने की मंजूरी दी थी. फिर उन्हें पार्टी में शामिल भी कराया था. सो पांडेय जी को कोई शक ही नहीं था कि उन्हें टिकट नहीं मिलेगा. लिहाजा सारी तैयारी उसी मुताबिक कर ली थी.


दस हजार रूपये डूब गये
दरअसल चुनाव आयोग ने उन लोगों की सूची जारी की है जिन्होंने बक्सर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र खरीदा था. उस सूची में गुप्तेश्वर पांडेय का भी नाम है. विधानसभा चुनाव में नामांकन प्रपत्र का मूल्य दस हजार रूपये है. लिहाजा पांडेय जी ने दस हजार रूपये खर्च करके ही फार्म खरीदा होगा. वो फार्म घर में ही पडा रह गया होगा.


हालांकि बात सिर्फ फार्म की नहीं है. गुप्तेश्वर पांडेय ने नौकरी छोड़ने के साथ ही बक्सर शहर में अपना चुनावी दफ्तर खोल लिया था. वहां उनके समर्थक चुनाव लडने की लगातार रणनीति बना रहे थे. कल जब जेडीयू के बाद बीजेपी की फाइनल लिस्ट जारी हो गयी तब पांडेय जी के दफ्तर पर ताला लगा दिया गया. मकान मालिक को भी बता दिया गया कि चुनावी कार्यालय खाली कर दिया गया है.


वैसे गुप्तेश्वर पांडेय ने आज कहा कि नीतीश कुमार ने उन्हें टिकट का वादा नहीं किया था. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जो कहते हैं वही करते है. भले ही उन्हें टिकट नहीं मिला हो लेकिन वे पार्टी में बने रहेंगे और जेडीयू का काम करते रहेंगे.