DELHI : लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नेता और सांसद चिराग पासवान के लिए कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पहले बीजेपी ने चिराग को दरकिनार किया और अब उनके बंगले को भी खाली कराया जा रहा है। चिराग पासवान में की मां और स्वर्गीय रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के अंदर याचिका लगाई थी लेकिन हाईकोर्ट ने बंगला प्रकरण में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के सरकारी बंगले को खाली करने के केंद्र सरकार के आदेश को रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि बंगले को खाली कराने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है, लिहाजा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि ये बंगला स्व. रामविलास पासवान के नाम पर आवंटित था. उनकी मौत के लगभग डेढ़ साल बाद तक चिराग पासवान इसी बंगले में बने रहे. केंद्र सरकार ने रामविलास पासवान की मौत के बाद तीन दफे उन्हें घर खाली करने का नोटिस दिया था. पिछले साल चिराग पासवान ने कहा था कि अपने पिता की पहली पुण्यतिथि के बाद वह बंगला खाली कर देंगे. लेकिन बंगला खाली नहीं किया. केंद्र सरकार ने जब टीम भेजा तो चिराग को बंगले से बेदखल होना पड़ा।
हालांकि चिराग ही नहीं बल्कि उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि नरेंद्र मोदी सरकार उनसे बंगला खाली नहीं करायेगी. बिहार में एनडीए से अलग होने से लेकर पार्टी के टूटने के बावजूद चिराग पासवान नरेंद्र मोदी के समर्थन में ही बोलते रहे. चिराग को उम्मीद थी कि नरेंद्र मोदी उन्हें बंगले से बेदखल नहीं होने देंगे. लेकिन उम्मीद पूरी नहीं हुई।
अहम बात ये है कि इसी बंगले से चिराग पासवान अपनी पार्टी लोजपा(रामविलास) का काम भी चला रहे थे. उनकी पार्टी के प्रधान कार्यालय का पता-12, जनपथ ही है. पार्टी की बैठक से लेकर दूसरी गतिविधियां वहीं से संचालित हो रही थीं. सवाल ये भी है कि चिराग पासवान अब कहां से पार्टी को संचालित करेंगे. वैसे सांसद होने के नाते केंद्र सरकार ने उन्हें दिल्ली के नार्थ एवेन्यू में घर दे रखा है. चिराग पासवान वहां से अपनी पार्टी को संचालित कर सकते हैं.