PATNA : बिहार के 8 जिलों में बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया 6 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। दो दिन पहले नीतीश कैबिनेट ने इसके लिए खनन विभाग के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी थी। लेकिन कैबिनेट का फैसला विभाग के पदाधिकारियों तक औपचारिक रूप से नहीं पहुंच पाया, इसके कारण घाटों की नीलामी में देरी हो रही है। राज्य के 8 जिलों पटना, सारण, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, गया, जमुई और लखीसराय जिलों में बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया होनी है। राज्य कैबिनेट की सहमति मिलने के बाद खान एवं भूतत्व विभाग ने इस दिशा में तैयारियां शुरू कर दी है। सबसे अधिक राजस्व देने की बोली लगाने वाले के नाम पर बालू खनन के लिए घाटों की बंदोबस्ती की जाएगी।
विभाग ई निविदा के माध्यम से बालू घाटों की नीलामी करेगा। इसकी जानकारी खान एवं भूतत्व विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को दे दी है। इसके लिए आवश्यक तैयारी करने को कहा गया है। विभाग चाहता है कि 8 जिलों में ज्यादा से ज्यादा बालू घाटों की नीलामी एक बार में कर दी जाए। उधर राज्य के अन्य 8 जिलों में बालू खनन का काम शुरू हो गया है। यह वह जिले हैं जहां 50 फीसदी अतिरिक्त शुल्क के साथ बालू खनन की अनुमति मार्च 2022 तक के लिए दे दी गई है। बक्सर, वैशाली, बांका, बेतिया, मधेपुरा, किशनगंज, अरवल, नवादा जिलों में बंदोबस्ती को बढ़ी हुई दर के साथ जारी रखा गया है।
विभाग के सामने एक और बड़े परेशानी यह है कि ज्यादातर घाटों पर अभी पानी भरा हुआ है इसके कारण खनन का काम शुरू नहीं हो पाया है। बांका में 28 घाटों को बंदोबस्त किया गया है और यहां फिलहाल खनन का काम शुरू कर दिया गया है। वैशाली जिले में 7 बालू घाटों पर खनन का काम जारी है जबकि मधेपुरा में पॉल्यूशन सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं होने के कारण दो नई एजेंसियों को बालू के उठाव की मंजूरी फिलहाल नहीं मिल पाई है। किशनगंज जिले को अभी भी कैबिनेट के फैसले का औपचारिक पत्र नहीं मिला है जबकि नवादा में एजेंसी की तरफ से राजस्व जमा नहीं किए जाने के कारण बालू का खनन प्रभावित है। बेतिया में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के 9 किलोमीटर के दायरे में बालू खनन पर रोक लगा दी गई है और कई बालू घाटों पर पानी भरा होने के कारण यहां भी खनन का काम प्रभावित है। ऐसे में बहुत जल्द बिहार में बालू की किल्लत दूर हो पाएगी इस को लेकर संशय नजर आ रहा।