DESK: तीसरे प्रयास में गौरव सिंह BPSC टॉपर बन गये हैं। बिहार लोक सेवा आयोग की 65वीं परीक्षा में टॉपर बनने के बाद गौरव सिंह के परिजनों में इसे लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। गौरव सिंह बिहार के रोहतास जिले के सासाराम के रहने वाले हैं। शिवसागर के चमड़हा गांव में गौरव सिंह का आवास है। गौरव सिंह ने BPSC की परीक्षा में पूरे बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया हैं। उनकी इस कामयाबी से उनके परिजन और पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
बीपीएससी जैसे कठिन परीक्षा में टॉप कर गौरव ने सबको गौरवान्वित कर दिया है। चमराहा गांव में गौरव की मां, उनकी नानी और मामा गौरव की इस कामयाबी से काफी खुश हैं। परिवार वालों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाईयां दी। गांव के ही एक स्कूल में गौरव की मां शिक्षिका हैं। बताया जाता है कि पहले जीवन बीमा निगम की अभिकर्ता के रूप में भी मां काम कर चुकी हैं और अपने दोनों बच्चों को ऊंची शिक्षा के लिए प्रेरित करती रही हैं। अपने बच्चे की सफलता से गौरव की नानी भी काफी खुश हैं।
गौरव को जानने वालों और परिचितों को जब इस बात की खबर मिली तब वे बधाई देने उनके घर पर पहुंच गये। परिजनों से मिलकर उन्होंने गौरव की सफलता की बधाई दी। परिजनों ने भी मिठाइयां खिलाकर लोगों का मुंह मिठा कराया। गौरव सिंह स्वर्गीय मनोज सिंह और शिक्षिका माता शशि सिंह के पुत्र हैं। गौरव फिलहाल पुणे में रह रहे हैं।
बीपीएससी में पूरे बिहार में नंबर वन रैंक लाने वाले गौरव ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। जॉब छोड़कर वे सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। अपनी सफता का राज गौरव ने मीडिया को बताया। गौरव ने कहा कि पिता की मौत के बाद मां ने उन्हें पढ़ाया। मां की बदौलत ही वे आज इस मुकाम तक पहुंचे है। उनके पिता एयरफोर्स में थे। मां शशि देवी चमराहा कन्या मध्य विद्यालय की शिक्षिका है।
वही गौरव की सफलता से उसकी मां शशि सिंह और परिवार के अन्य सदस्य भी काफी खुश है। मां शशि सिंह चमराहा स्थित कन्या मध्य विद्यालय की शिक्षिका है। उनसे जब गौरव के संबंध में बात की गयी तब उन्होंने बताया कि वह अपने बेटे की इस कामयाबी से बहुत खुश है। लगातार उनके मोबाइल पर बधाईयां देने के लिए लोगों के फोन कॉल आ रहे हैं।
खबर की जानकारी मिलने के बाद कई लोग घर पर बधाई देने आ रहे है। गौरव की मां शशि सिंह ने बताया कि गौरव शुरू से ही स्ट्रगल करता था। पांचवी तक की पढ़ाई उसने गांव में ही की थी। जिसके बाद बनारस के सेंट्रल हिंदू स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। बारहवीं के बाद गौरव भुवनेश्वर के कलिंगा यूनिवर्सिटी से बीटेक करने के बाद जॉब करने पुणे चला गया। बीटेक की पढ़ाई के दौरान उसने सिविल सर्विस में जाने का फैसला ले लिया।
जॉब छोड़ने के बाद गौरव सिविल सर्जन की तैयारी करने लगा। गौरव को तीसरी बार में नंबर वन रैंक मिला। इससे पहले भी गौरव को बीपीएससी की 64वीं परीक्षा में 144वां रैंक मिला था। गौरतलब है कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 65वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट गुरुवार को जारी हो गया। इसमें रोहतास के गौरव सिंह ने टॉप किया है। वहीं दूसरे नंबर पर बांका की चंदा भारती रहीं है। जबकि तीसरे नंबर पर नालंदा के वरुण कुमार ने जगह बनाई है।
बीपीएससी की 65वीं परीक्षा में टॉप10 की लिस्ट इस प्रकार है। (1) गौरव सिंह- रोहतास (2) चंदा भारती- बांका (3) वरुण कुमार- नालंदा (4) सुमित कुमार- मधुबनी (5) अविनाश कुमार सिंह- समस्तीपुर (6) आदित्य श्रीवास्तव- झारखंड (7) एस प्रतीक- मोतिहारी (8) आदित्य कुमार- भोजपुर (9) अनामिका- गोपालगंज और (10) अंकित कुमार- भागलपुर