DESK : पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में कल देर रात भारत और चीन की सेना के बीच खूनी झडप के बाद आज दिन भर सीमा पर चीन के हैलीकॉप्टर्स मंडराते रहे. स्थानीय लोगों के मुताबिक कम से कम एक दर्जन दफे चीन के हैलीकॉप्टर्स सीमा के पास मंडराते दिखे. भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक मारे गए चीनी सैनिकों के शव और घायलों को लेने के लिए लिए ये हेलीकॉप्टर्स झड़प वाले इलाके में आए थे.
दरअसल ये खबर आ चुकी है कि पूर्वी लद्दाख में भारत चीन सीमा पर कल रात हुई हिंसक झड़प में दोनों देशों के कई सैनिक हताहत हुए हैं. भारतीय सेना ने अपने 20 सैनिकों के शहीद होने की पुष्टि कर दी है. वहीं सैन्य सूत्र ये भी बता रहे हैं कि इस झड़प में चीन के 43 सैनिक या तो मारे गये हैं या घायल हुए हैं. इसके बाद एलएसी पर आज दिन भर चीनी हैलीकॉप्टर्स की गतिविधियां बढ़ी रही.
वैसे चीन इस झड़क में मारे गये अपने सैनिकों को लेकर चुप्पी साधे बैठा है. चीन ने कबूल किया है कि उसके सैनिक मारे गये लेकिन वह संख्या बताने से कतरा रहा है. इस बीच भारतीय सेना ने चीनी पक्ष की बातचीत इंटरसेप्ट की है. उसके मुताबिक चीन के 43 सैनिक या तो मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हैं.
चीन की सेना ने यह तो स्वीकार किया है कि हिंसक झड़प में उसके कई सैनिक मारे गए हैं, लेकिन उसने संख्या नहीं बताई है. चीन संख्या पर चुप्पी साधे हुए है.
इससे पहले चीन ने इस झ़ड़प का दोष भारत के मत्थे मढ़ा था. जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा की यथास्थिति को बदलना चाहता है. चीन की तरफ से यथास्थिति बदलने की कोशिश की जा रही थी, जिसे भारतीय सेना ने रोकने की कोशिश की. इसके बाद ही ये झड़प हुई. भारत के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चीन ने एलएसी की स्थिति को बदले का प्रयास किया. जिसके बाद ये हिंसक झड़प हुई है. भारत सरकार ने चीन के रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उच्च स्तर पर जो समझौता हुआ था, उसे चीनी पक्ष की ओर से तोड़ा गया.