विदेश मंत्रालय की क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी स्वधा रेजवी पहुंची शिवहर, पासपोर्ट सेवा केंद्र का किया निरीक्षण अररिया: अनंत मेले से कुख्यात अपराधी रॉबिन यादव हथियार सहित गिरफ्तार, दर्जनों मामले दर्ज ISM पटना में खेल सप्ताह ‘पिनैकल 2025’ का शानदार समापन, विजेताओं को किया गया सम्मानित NEET की तैयारी को लेकर रांची में Goal Institute का सेमिनार, विशेषज्ञों ने दिये सफलता के टिप्स विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर बोले अनिल सुलभ..बिहार को इस चिकित्सा पद्धति से इंडियन इंस्टीच्युट ने अवगत कराया बिहार ने 20 सालों में विकास का नया आयाम हासिल किया: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय बिहार ने 20 सालों में विकास का नया आयाम हासिल किया: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय डॉ. सत्य प्रकाश तिवारी ने कोलकाता में की रेटिना की जटिल LIVE सर्जरी, बने बिहार के पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ Bihar Police News: अपराधियों को गिरफ्तार करने में बिहार पुलिस ने बनाया रिकॉर्ड, 7 महीनों में 2.28 लाख अभियुक्तों को अरेस्ट करने का दावा Bihar Police News: अपराधियों को गिरफ्तार करने में बिहार पुलिस ने बनाया रिकॉर्ड, 7 महीनों में 2.28 लाख अभियुक्तों को अरेस्ट करने का दावा
1st Bihar Published by: Updated Tue, 28 Apr 2020 06:59:28 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : कोटा सहित देशभर के अन्य राज्यों में फंसे बिहारी बच्चों को लेकर नीतीश सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है. चौतरफा आलोचना के बाद अब बीजेपी सांसद भी सरकार के इस रूप के खिलाफ जनता की आवाज बुलंद करने लगे हैं. बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कोटा सहित देश के अन्य हिस्सों में फंसे बिहार के छात्रों को वापस लाने का आग्रह किया है.
पाटलिपुत्र के सांसद रामकृपाल यादव ने कहा है कि लॉक डाउन की परिस्थितियों को हम सभी समझते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि एक कोटा सहित देश के अन्य हिस्सों में फंसे अपने अपने छात्रों को दूसरे राज्य वापस लेकर आए हैं. ऐसे में एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें अपने लोकसभा क्षेत्र में हर दिन लोगों के सवाल का जवाब देना होता है.
अभिभावक लगातार उन्हें फोन कर आग्रह करते हैं कि प्रदेश में फंसे बच्चों को वापस लाने का रास्ता साफ हो, ऐसे में एक जनप्रतिनिधि होने के नाते बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह मांग रखी है. रामकृपाल यादव ने कहा है कि मैं इस बात के लिए बाध्य हूं कि अभिभावकों का दर्द सुनने के बाद मुख्यमंत्री से आग्रह करूं कि सरकार तब की बात सुनते हुए कोई रास्ता निकाले.