बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ नीतीश सरकार को घेरेगी लोजपा रामविलास, 9 और 10 अप्रैल को बड़ा आंदोलन

बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ नीतीश सरकार को घेरेगी लोजपा रामविलास, 9 और 10 अप्रैल को बड़ा आंदोलन

PATNA:  बिहार विद्युत नियामक आयोग (BERC) ने बिहार की बिजली दरों में 24.10 फीसदी का इजाफा किया है। वित्तवर्ष 2023-24 के लिए बिजली के रेट में ये बढ़ोतरी की गई है। इसमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भी आधार शुल्क में वृद्धि की गई है। बिजली दरों में बढोतरी किये जाने को लेकर लोजपा रामविलास लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है। आगामी 9 और 10 अप्रैल को लोजपा रामविलास बड़ा आंदोलन करने जा रही है। मशाल जुलूस और धरना प्रदर्शन कर पार्टी सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करेगी। इस दौरान बिजली दरों में हुई बढोतरी को वापस लेने की मांग की जाएगी। 


बिजली दरों में वृद्धि को लेकर लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बताया कि आगामी 9 अप्रैल को बिहार के हर प्रखंड मुख्यालय में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। अगले दिन 10 अप्रैल को बिजली विभाग के दफ्तर के बाहर पूरे बिहार में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। बिहार और बिहारियों की समस्या को लेकर कोई राजनैतिक पार्टी आवाज उठाने को तैयार नहीं है। लेकिन लोजपा रामविलास बिहार की जनता के साथ है और इसे लेकर आवाज उठा रही है और आगे भी जनता की समस्या को लेकर लोजपा रामविलास आवाज उठाएगी।


जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में बिजली की दरे कम हो सकती है लेकिन इस दिशा में काम नहीं किया जा रहा है। बिना करप्शन के बिहार में कोई काम नहीं होता। नीतीश के अधिकारी इनके नाक के नीचे करप्शन को अंजाम दे रहे हैं। आज चौबीस प्रतिशत बिजली का दर बढाया गया है कल और चौबीस प्रतिशत कर देंगे। देखते ही देखते बिजली का दर दोगुना हो जाएगा। 


चिराग ने कहा कि बजट में बड़ी-बड़ी बातें की जाती है लेकिन हकीकत यह है कि राशि वापस चली जाती है। जिस राशि का उपयोग करना चाहिए उसे सरकार लौटा रही है और जनता के माथे पर महंगाई थोप रही है। वो दिन दूर नहीं है जब बिहार में बिहारियों का रहना मुश्किल हो जाएगा। निवेशक अब बिहार में आने की नहीं सोचेगा। महंगाई ने लोगों की कमर पहले से ही तोड़ रखी है अब और कितना महंगाई बढ़ेगा। 


नीतीश पर हमला बोलते हुए चिराग ने कहा कि वे अपने नेताओं को बचाने में लगे हैं। उन्हें बिहारियों को लेकर भी चिंता करनी चाहिए। बिजली का बिल बढ़ा तो हर चीज पर इसका असर पड़ता है। महंगाई बढ़ती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस पर बिहार की जनता को बिजली का दाम बढ़ाकर महंगाई का सौगात दिया है। हमलोगों ने कई बार बीआरसी को पत्र के माध्यम से बताया था कि कैसे बिजली के दामों को कम कर सकते हैं। लेकिन इन बातों पर अमल नहीं किया गया। सबसे कम दरों पर बिजली ओडिशा खरीदती है। बिहार सरकार क्यों नहीं कम दरों पर बिजली खरीदते है? 


हमारा सवाल है कि अन्य राज्य बिजली कम दरों पर खरीदते है तो बिहार महंगी बिजली क्यों खरीद रही है? तमाम राजनीतिक दल अपनी व्यक्तिगत लड़ाई लड़ने में लगे हैं कोर्ट कचहरी के मामले में फंसे हैं। कुछ लोग मुख्यमंत्री पद के लिये चिंतित हैं तो कुछ अपने ऊपर हो रहे कार्रवाई को लेकर चिंतित हैं। लेकिन अफसोस इस बात का है कि इन्हें जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। जनता को महंगाई की आग में झोक दिया गया है। महंगाई की मार झेल रही जनता निराश और परेशान हैं। लोगों को समझ में नहीं आ रहा है महंगाई से उन्हें निजात कब मिलेगा। अब तो बिजली के दरों में भी बढोतरी कर दी गयी है। जिसका सीधा असर आमलोगों पर पड़ रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। 


चार साल पुराने एक आपराधिक मानहानि में 2 साल की सज़ा मिलने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई। राहुल की लोकसभा सदस्यता जाने पर जमुई सांसद व लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसकी सदस्यता जा रही है किसकी नहीं। ये कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है। 2013 में ये कानून आया था। यूपीए की सरकार ऑडिनेंस लेकर आई थी। राहुल ने उसे खुद भरा था। जिन लोगों ने कहा कि संविधान की हत्या हो रही है वह पहले संविधान को पढ़ लें। राहुल गांधी कोई पहले व्यक्ति नहीं हैं जिनपर यह कारवाई हुई हो। इससे पहले भी कई नेताओं पर कार्रवाई हो चुकी है। 


चिराग ने पूछा कि कहां गया उनका महागठबंधन? जब कांग्रेस ने मार्च निकाला तब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू ने समर्थन क्यों नहीं दिया? कांग्रेस के मार्च से क्यों दूरी बनाकर रखे? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार-बार अविश्वनीय कार्य करते हैं जिससे उनकी विश्वनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। कौन उनको अपना मानेगा? जब दुख की घड़ी में अपने ही साथियों के साथ खड़े नहीं होते है तो ऐसे में इनकी विश्वनीयता पर ही तो सवाल खड़े होंगे। लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई तेजस्वी यादव से पूछताछ कर रही है इस पर चिराग पासवान ने कहा कि तेजस्वी अपने पक्ष को रखे। यदि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। सीबीआई हो या ईडी ये स्वतंत्र एजेसिंया हैं और स्वतंत्र रुप से काम कर रही है। तेजस्वी को अपनी बात रखने का अच्छा मौका मिला है।