बिहार : तेज रफ़्तार स्कॉर्पियो ने बाइक को रौंदा, मुखिया पुत्र समेत तीन की मौत

बिहार : तेज रफ़्तार स्कॉर्पियो ने बाइक को रौंदा, मुखिया पुत्र समेत तीन की मौत

DHARBHANGA : बिहार में अनियंत्रित रफ्तार का कहर जारी है। राज्य के अंदर शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता हो जिस दिन लोगों की जान तेज रफ्तार के कारण न होती हो। हालांकि, इसके रोकथाम  को लेकर तरह - तरह के जागरूकता अभियान भी चलाई जाती है।। लेकिन, इसके बाबजूद यह आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच अब एक ताजा मामला बिहार के दरभंगा जिले से निकलकर सामने आ रही है। जहां तेज रफ्तार के कारण सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है।


मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के दरभंगा जिले के हनुमाननगर प्रखंड के नरसारा पुल के पास समस्तीपुर की ओर जा रही अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने बाइक सवार तीन युवकों को रौंद दिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि घटनास्थल पर ही तीनों की मौत हो गई। स्थानीय लोगों के हल्ला करने पर चालक गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। हालांकि, विशनपुर थाने की पुलिस ने गाड़ी जब्त कर ली है।


इस घटना में मरने वालों में एक महिला मुखिया का बेटा भी शामिल है। मृतकों की पहचान हनुमाननगर प्रखंड की गोढ़ैला पंचायत की मुखिया सुनैना देवी के पुत्र विकास कुमार (22), गोढ़ैला निवासी उपेंद्र महतो के पुत्र अमरजीत कुमार (30) और परमेश्वर महतो के पुत्र राजदेव महतो (20) के रूप में हुई। विकास के पिता विजय दास हैं। 


वहीं, इस घटना को लेकर प्रत्यक्षदर्शी व गोढ़ैला के पूर्व मुखिया मो. आरिफ हासमी ने डीएमसीएच में बताया कि मंगलवार शाम करीब सात बजे तीनों युवक एक ही बाइक से मंगल हाट से घर लौट रहे थे। इसी दौरान नरसारा पुल के पास समस्तीपुर की ओर जा रही स्कॉर्पियो ने उनकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। बैरिकेडिंग से टकराने से तीनों के सिर फट गए। हनुमाननगर प्रखंड की गोढ़ैला पंचायत के तीन युवकों की सड़क हादसे में मौत की सूचना मिलने से गोढ़ैला और बसंत गांव में कोहराम मच गया है। दोनों गांवों में इसी घटना की चर्चा हो रही है।


इधर, तीनों युवकों की मौत की सूचना मिलते ही गोढ़ैला पंचायत के साथ-साथ आसपास के अन्य गांवों के लोग अस्पताल पहुंचने लगे। वहां लोगों की भीड़ जुट गई। ये लोग रात को हो पोस्टमार्टम करवाने का गुजारिश की, लेकिन अधीक्षक ने प्रोटोकॉल की बात कहकर बुधवार को पोस्टमार्टम कराने की बात कही। गांव के लोगों ने बताया कि अमरजीत मुम्बई में पेंटर का काम करता था। वह कुछ दिन पूर्व ही घर आया था। उसकी शादी हो चुकी है। उसे दो बच्चे भी हैं। वहीं, राजदेव की शादी बीते नवंबर माह में ही हुई थी। मुखिया पुत्र विकास कुमार अभी पढ़ाई कर रहा था।