बिहार: रेड सिग्नल के बाद भी दौड़ती रही जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस,पैसेंजर ट्रेन से हो सकती थी टक्कर; जानिए फिर क्या हुआ

बिहार: रेड सिग्नल के बाद भी दौड़ती रही जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस,पैसेंजर ट्रेन से हो सकती थी टक्कर; जानिए फिर क्या हुआ

KAIMUR : रेलकर्मियों की लापरवाही फिर एकबार सामने आयी है। जबकि, कुछ दिन पहले ही बालासोर में बड़ा हादसा हुआ जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद भी रेलवे इस घटना से सबक लेते नजर नहीं आ रहा है। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला बिहार के भभुआ रोड स्टेशन से निकल कर सामने आ रहा है। यहां  रेड सिग्नल होने के बावजूद ट्रेन पटरी पर दौड़ती रही। 


मिली जानकारी के अनुसार, भभुआ रोड स्टेशन पर एक बड़ा हादसा टल गया। यहां जम्मू से हावड़ा की ओर जानेवाली कोलकाता एक्सप्रेस भभुआ रोड स्टेशन पर रुकने के बजाय लाल सिग्नल पार कर गयी। हालांकि समय रहते ही स्टेशन मास्टर और गार्ड ने सूझ-बूझ दिखायी और ट्रेन को रिवर्सल लाइन में खड़ा किया गया।  इसके बाद इसकी सूचना कंट्रोल को दी गयी।  सूचना पर हाजीपुर जोन से सीएसओ व मुगलसराय से डीआरएम सहित कई अधिकारी भभुआ रोड पहुंचे, जहां मामले की जांच के तुरंत एक्शन लिया गया। उस समय ट्रेन में मौजूद गार्ड और ड्राइवर को हटाकर दूसरे गार्ड और ड्राइवर के सहारे करीब दो घंटे 45 मिनट के बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया। 


बताया जा रहा है कि, 13152 जम्मूतवी-सियालदह-कोलकाता एक्सप्रेस भभुआ रोड के लिए आ रही थी। पश्चिमी केबिन के समीप रेड सिग्नल के बाद भी ट्रेन रिवरसेबल लाइन को क्रॉस कर गयी। इसे देख स्टेशन मास्टर हैरान रह गये उन्होंने तत्काल वॉकी टॉकी से गार्ड से बात की और लाइन को ही बंद करा दिया। इसके बाद करीब 07:08 बजे ट्रेन खड़ी हो गयी, जिसकी सूचना तत्काल मुगलसराय कंट्रोल रूम को दी गयी। सूचना पर हाजीपुर सीएसओ प्रभात कुमार व मुगलसराय से डीआरएम राजेश गुप्ता सहित कई अधिकारी भभुआ रोड पहुंचे। यहा तत्काल ट्रेन के गार्ड और ड्राइवर को हटा कर मुगलसराय से एक गार्ड और ड्राइवर को बुला ट्रेन को करीब 09:56 बजे आगे के लिए रवाना किया गया। 


इधर, ट्रेन से उतारे गये गार्ड और ड्राइवर को डेहरी से डॉक्टर की टीम बुला मेडिकल किया गया। डीआरएम राजेश गुप्ता ने बताया कैसे एक्सप्रेस ट्रेन रेड सिग्नल पार कर गयी। इस मामले की जांच तक गार्ड और ड्राइवर दोनों को निलंबित किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि रिवरसेबल लाइन में ही लाल सिग्नल पर कोलकाता एक्सप्रेस को रुक जाना था, यदि रिवरसेबल के बजाय डाउन लाइन में ट्रेन घुसती, तो आगे जा रही आसनसोल पैसेंजर में टकराने से इन्कार नहीं किया जा सकता था।