PURNEA : इस वक्त की बड़ी खबर बिहार के पुर्णिया से आ रही है। जहां पूर्णिया पूर्वी अंचल के सीओ जयंत कुमार को उनके कार्यभार से निलंबित कर दिया गया है। दरअसल, डीएम सुहर्ष भगत पूर्णिया पूर्व के अंचल कार्यकाल में निरीक्षण करने पहुंचे थे, इसी दौरान सरकारी कामकाज में काफी अनियमितता पाई गई। जिसके बाद डीएम ने तत्काल सीओ जयंत कुमार को उनके पद से हटा दिया था। वहीं, पद से निलंबित करने के बाद डीएम ने अंचल अधिकारी मुन्ना कुमार को अतिरिक्त प्रभार दे दिया । साथ ही डीएम ने राजस्व एंव भूमि सुधार विभाग को भी इनके खिलाफ रिपोर्ट भेज दी है।
बताया जा रहा है कि, डीएम सुहर्ष भगत ने पूर्णिया पूर्व के अंचालाधिकारी के कार्यालय पर पिछले दिनों 16 जनवरी को औचक निरीक्षण करने पंहुचे थे। वहां डीएम ने विभागीय काम में बहुत अनियमितताएं पाई, जिसके बाद उन्होंने अंचलाधिकारी को निलंबित कर दिया। साथ ही डीएम ने जो रिपोर्ट विभाग को सौंपी, उसके मुताबिक अंचलाधिकारी जयंत कुमार ने भूदान की जमाबंदी गलत तरीके से कायम की है, साथ ही गलत तरीके से बंदोबस्त भूमि वाले सरकारी भूमि को लीज पर दिए जाने पर भी कोई कार्यवाई नहीं की है। अंचलाधिकारी ने खास माल के जमीन का जमाबंदी कायम की थी और शुद्धि पत्र भी निर्गत किया था।
डीएम द्वारा भेजा गया विभागीय रिपोर्ट की जांच की गई, जांच के बाद राजस्व एंव भूमि सुधार विभाग ने इस रिपोर्ट को सही पाया है। रिपोर्ट को सही पाए जाने पर सीओ जयंत कुमार को निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि, जंयत कुमार ने मामले की कार्रवार्इ ना करके उलटा गलत तरीके से जमाबंदी को भी कायम कर लिया था। साथ ही बिना किसी समक्ष प्राधिकारी के अनुमति लिए भू-हदबंदी की जमीन के बिक्री करने का आदेश दे दिया था। सीओ ने खास माल के जमीन को भी जामबंदी कायम करने के मामले में पकड़ा गया है।
आपको बता दें कि, स्थानीय लोगों के द्वारा कई बार अंचल अधिकारी पर हर काम के लिए घूस मांगे जाने की शिकायत की जाती थी। जब तक कार्यलय में पैसा नहीं दिया जाता था, तब तक कोई काम नहीं होता था। कई लोगों का कहना है कि, सरकारी जमीन, भूदान की जमीन, या फिर खास माल की जमीन, सभी जमीनों की जमाबंदी पैसे के बल पर कायम हो जाती थी।