PATNA : बिहार में भ्रष्टाचार के जरिए संपत्ति अर्जित करने वाले सरकारी कर्मचारियों और पदाधिकारियों की कहानी आपने खूब सुनी होगी. लेकिन आज हम एक ऐसे रईस और धनाढ्य सिपाही की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकार आपके होश उड़ जायेंगे. सोचिये जब आपको ये पता चलेगा कि बिहार पुलिस का एक प्यादा, एक अदना सा सिपाही हर महीने देश के प्रधानमंत्री के वेतन से ज्यादा, बिहार के मुख्यमंत्री की सैलरी से अधिक या सुप्रीम कोर्ट के जज के वेतन से भी ऊपर कमाता हो तो क्या होगा. दरअसल पटना पुलिस में तैनात आरा के रहने वाले एक सिपाही की संपत्ति का खुलासा हुआ है. और इस खुलासे में पता चला है कि किसान परिवार से आने वाले इस सिपाही के महीने की इनकम इतनी ज्यादा थी कि ये मालामाल हो गया.
मंगलवार को निगरानी ब्यूरो और आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई ने पटना जिला पुलिस बल में तैनात आरा के रहने वाले बिहार पुलिस के सिपाही नरेन्द्र कुमार धीरज के कई ठिकानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी में पता चला कि नरेन्द्र कुमार धीरज कोई आम सिपाही नहीं है. जबकि ये इतना धनकुबेर है कि इसकी महीने की इनकम के सामने प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की सैलरी या जिले के एसपी-डीएम का वेतन कुछ भी नहीं. सांसद और विधायक तो इसकी कमाई के सामने कुछ भी नहीं.
बिहार की आर्थिक अपराध अनुसंधान इकाई ने छापेमारी के बाद इसका खुलासा किया है कि बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार धीरज के पास कुल 9 करोड़ 47 लाख 66 हजार 745 रुपये से अधिक की संपत्ति है. इसके और इसके घरवालों के पास आरा, पटना और अन्य जगहों पर इतने सारे जमीन-जायदाद हैं कि उसके बारे में जानकर आपने होश उड़ जायेंगे.
विश्वस्त सूत्रों से आर्थिक अपराध इकाई को सिपाही नरेन्द्र कुमार धीरज के खजानों के बारे में पता चला. जिसके बाद इसके खिलाफ शिकंजा कसा गया और एक बड़ी टीम बनाकर एकसाथ कई ठिकानों पर छापेमारी की गई. रेड में पता चला कि इसने पद का भ्रष्ट दुरुपयोग कर खुद और अपने घरवालों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की, जो कि इसकी सैलरी से कई गुना अधिक है.
प्रेस को जानकारी देते हुए ईओयू ने बताया कि सिपाही नरेन्द्र कुमार धीरज ने अपनी नौकरी के दौरान 9 करोड़ 47 लाख 66 हजार 745 रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की, जो इसके वेतन से लगभग 544 प्रतिशत अधिक है. अब फर्स्ट बिहार आपको आसान भाषा में समझाता है कि आखिरकार ये सिपाही प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, डीएम या एसपी से हर महीने कैसे ज्यादा रुपये कमाता था.
दरअसल 13 मई 1988 को नरेन्द्र कुमार धीरज की नौकरी सिपाही के रूप में हुई थी. नालंदा जिला पुलिस बल में इसकी तैनाती हुई, जहां से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आते हैं. सीएम के गृह जिले में नौकरी की शुरुआत करने वाले इस अदना से सिपाही की सेवा अवधि करीब 33 साल 2 महीने पूरी हुई. लिहाजा इसने 398 महीने नौकरी की.
अगर 9 करोड़ 47 लाख 66 हजार 745 रुपये का हिसाब निकालें तो मूल रूप से भोजपुर जिले के सहार थाना अंतगर्त मुजफ्फरपुर गांव के रहने वाले सिपाही नरेन्द्र कुमार धीरज ने हर महीने 2 लाख 38 हजार 107 रुपये 39 पैसे से ज्यादा की कमाई की, जो कि प्रधानमंत्री की सैलरी 2 लाख रुपये, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वेतन 2 लाख 15 हजार रुपए, सुप्रीम कोर्ट के जज की बेसिक सैलरी 1 लाख 75 हजार रुपये से अधिक है.
आरा के रहने वाले इस सिपाही के कुल 7 भाई हैं. ये किसने परिवार से आते हैं. बिहार पुलिस में आने से पहले इनके पास सिर्फ 3-4 बीघा पुश्तैनी जमीन थी. जब इनकी नौकरी लगी तो इनके सभी भाई इनके उपर ही आश्रित थे. इनके पूरे परिवार में इनके अलावा कोई भी सरकारी नौकरी नहीं करता है. सिर्फ यही एक सिपाही हैं.
नरेन्द्र कुमार धीरज द्वारा अन्य कई परिसम्पत्तियों और गाड़ियों के खरीदने की जानकारी भी मिली है. जिसका अग्रतर सत्यापन किया जा रहा है. तलाशी के क्रम में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और जमीन का निबंधन दस्तावेज जीवन बीमा पॉलिसियां, बैंक खातों और वाहनों के क्रय संबंधी दस्तावेज बरामद हुये है, जिसके संबंध में आगे अग्रतर अनुसंधान किया जायेगा और इनके द्वारा अवैध तरीके से अर्जित किये हुए परिसम्पत्तियों के मूल्य में और अधिक वृद्धि होने की संभावना है.
सिपाही नरेन्द्र कुमार धीरज और इनके 6 भाई सुरेन्द्र कुमार सिंह, शशि भूषण सिंह, श्याम बिहार सिंह, विरेन्द्र सिंह, विजेन्द्र कुमार विमल और अशोक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. ये सभी भोजपुर जिला के सहार थाना अंतगर्त मुजफ्फरपुर गांव के रहने वाले दुधेश्वर सिंह के बेटे हैं. इनके अलावा नरेन्द्र कुमार धीरज के भतीजा धर्मेन्द्र कुमार के खिलाफ भी आर्थिक अपराध थाना में काण्ड संख्या-18 / 2021 दर्ज किया गया है.
यहां देखिये सिपाही नरेन्द्र कुमार धीरज की कुल संपत्ति का ब्यौरा -
1. धीरज का मौजा-साईंचक, महावीर कॉलोनी, पटना में दो मंजिला मकान है।
2. भाई विजेन्द्र कुमार विमल के नाम से मौजा-मिल्की अनाईठ जगदेव नगर, बाजार समिति, आरा में 04 अवासीय भ-खण्ड एवं मौजा भेलाई, उदवंत नगर, भोजपुर में 01 कृषि योग्य भू-खण्ड है ।
3. भाई सुरेन्द्र सिंह के नाम से आरा के विभिन्न 10 जगहों पर व्यवसायिक, आवासीय एवं कृषि भूमि है ।
4. भाई विरेन्द्र सिंह के नाम से मौजा नाढ़ी, भोजपुर में 50 डीसमिल का कृषि योग्य भूमि है ।
5. भाई अशोक कुमार के नाम से आरा के विभिन्न जगहों पर 04 आवासीय एवं कृषि योग्य भूमि पाई गई है ।
6. भाई श्याम बिहारी सिंह के नाम से मौजा गोढ़ना, उदवंत नगर, भोजपुर में 01 आवासीय भू-खण्ड है ।
7. भाई शशि भूषण कुमार के नाम से मौजा-नाढ़ी, सहार, भोजपुर में 64.50 डिसमिल का 01 कृषि योग्य भूमि है ।
8. भतीजा धमेन्द्र कुमार के नाम से मौजा-सेवथा, जगदीशपुर, भोजपुर में 51 डिसमिल का 01 कृषि योग्य भूमि है।
इन ठिकानों पर की गई छापेमारी -
1. पटना के महावीर कॉलोनी, बेउर स्थित धीरज का आवास ।
2. ग्राम मुजफ्फरपुर थाना सहार, जिला - भोजपुर स्थित धीरज का पैतृक आवास ।
3. अशोक कुमार (भाई) का अरवल, अरोमा होटल के सामने अवस्थित मकान ।
4. सुरेन्द्र सिंह (भाई) का आरा शहर भेलाई रोड, कृष्णानगर स्थित 04 मंजिला मकान ।
5. सुरेन्द्र सिंह (भाई) का आरा शहर भेलाई रोड, कृष्णानगर स्थित 05 मंजिला मकान ।
6. विजेन्द्र कुमार विमल (भाई) का आरा शहर, भेलाई रोड, कृष्णानगर स्थित 05 मंजिला मकान ।
7. श्याम बिहार सिंह (भाई) का नारायणपुर, आरा स्थित मॉल सह आवासीय मकान
8. धर्मेन्द्र कुमार (भतीजा) का अनाईट, आरा में आशुतोष ट्रेडर्स नामक दुकान |
9. सुरेन्द्र कुमार सिंह (भाई) का नारायणपुर, आरा में अवस्थित छड़ सिमेंट का दुकान एवं आवास ।