EAST CHAMPARAN: निगरानी ने दस फर्जी शिक्षकों पर मामला दर्ज किया है। हाई कोर्ट के निर्देश पर कार्रवाई हो रही है। बिहार सरकार ने शिक्षकों की जो बहाली उसमें कई अभ्यर्थी फर्जी प्रमाण पर बहाल हो गये। शिक्षा विभाग और निगरानी उन सारे फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी करने वाले शिक्षक और शिक्षिकाओं को खोज-खोजकर उन पर कार्रवाई कर रही है। पूर्वी चम्पारण में निगरानी विभाग ने दस फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई की है। यह कार्रवाई कल्याणपुर प्रखंड से की गई है।
इनमें तीन शिक्षकों पर चकिया थाना में और सात शिक्षकों पर कल्याणपुर थाने में प्राथमिक की दर्ज की गई है। दस शिक्षक शिक्षिकाओं पर कार्रवाई की गयी है। इस कार्रवाई के संबंध में निगरानी के डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियोजित शिक्षकों की पहचान की जा रही है। इस क्रम में दस नए शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करते हुए पाए गए। इन शिक्षकों पर चकिया और कल्याणपुर थाना में प्राथमिकी कराई गईं है।
डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि चकिया थाना अंतर्गत पासवान टोला के नव सृजित प्राथमिक विद्यालय बांस घाट में पदस्थापित शिक्षिका विभा कुमारी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बिशनपुर में कार्यरत शिक्षक रानू पासवान, उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरकी कुवआं की शिक्षिका मनोरमा कुमारी पर एफआईआर दर्ज कराया गया है।
तीनों शिक्षिका कल्याणपुर प्रखंड में कार्यरत हैं। वहीं एनपीएस फुलवरिया के जयप्रकाश कुमार यादव, प्राथमिक विद्यालय अहिमन छपरा में पदस्थापित अजय राम, उत्क्रमित मध्य विद्यालय अलौला उर्दू में पदस्थापित संतोष कुमार महतो एवं चंद्र लता कुमारी, यू एम एस बहुआरा की शिक्षिका मुन्ना कुमारी, यू एम एस सिसवा बसंत की शिक्षिका सुधा कुमारी और प्राथमिक विद्यालय बंसी बाबा मठ शंभू चक के शिक्षक संतोष कुमार पर कल्याणपुर थाने में प्राथमिक की दर्ज कराई गई है।
इस साल में अब तक 24 लोगों पर हुई कार्रवाई स्थानीय पुलिस का कहना है कि निगरानी विभाग ने इस साल में पूर्वी चंपारण जिले में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करते हुए लगभग 24 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है। निगरानी के द्वारा की जा रही लगातार कार्रवाई के बाद फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।
इन शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद स्थानीय पुलिस के द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है। इस संबंध में पुलिस का कहना है कि फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियोजित कोई भी शिक्षक बचने वाले नहीं हैं। इन सब पर कार्रवाई की जाएगी।