PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव में आखिरी चरण के मतदान को लेकर चुनाव के प्रचार-प्रसार का शोर गुरूवार को थम गया. तीसरे चरण में बिहार के 78 विधानसभा सीटों पर 7 नवंबर को वोटिंग होने वाली है. सूबे के 15 जिलों में आखिरी चरण में मतदान होने वाला है. इस आखिरी चरण के लिए महागठबंधन और एनडीए के बड़े नेता समेत तमाम लोगों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी.
बिहार विधानसभा सभा के आखिरी चरण के चुनाव क्षेत्रों में चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार मतदान की समाप्ति के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार समाप्त हो गया. 7 नवंबर को बिहार के 15 जिलों के 78 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धुंआधार सभाएं की. महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने भी राजद प्रत्याशियों के पक्ष में पसीना बहाया.
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पूर्णिया के धमदाहा में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को अपनी आखिरी चुनावी सभा में सबसे बड़ा इमोशन कार्ड खेला. उन्होंने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है. अंत भला तो सब भला. यह उनका फैसला है या इमोशनल कार्ड इसके कयास लगाए जा रहे हैं.
उधर दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी दिन के प्रचार से दूर रहें. हालांकि उन्होंने बिहार के लोगों के नाम पत्र लिखा है. 'बिहार के भाइयों और बहनों के नाम मेरा पत्र' के माध्यम से उन्होंने अंतिम दिन के प्रचार में अपनी मौजूदगी दिखाने की भी कोशिश की. पीएम ने कहा है कि बिहार का विकास अटके नहीं, इसके लिए उन्हें बिहार में नीतीश कुमार की सरकार की जरूरत है. पीएम ने अपने चार पन्नों की चिट्ठी में बिहार में 'ईज ऑफ लाइफ' यानि बिहारवासियों के जीवन में सुख-सुविधाएं और बढ़ाए जाने की बात कही है.
आखिरी दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूरे जोरशोर के साथ चुनावी जनसभा को संबोधित किया. महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने दावा किया कि चुनाव का पहला और दूसरा, दोनों चरण हम जीत चुके हैं. बिहार के लोगों ने एनडीए और सीएम नीतीश कुमार की विदाई तय कर दी है. उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में महंगाई है, पलायन की समस्या है, गरीबी है, उद्योग-धंधे नहीं हैं, इन सब पर वे क्यों कुछ नहीं बोलते हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनी तो पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई के लिए काम करेगी. डबल इंजन की सरकार में एक भी नौजवान को नौकरी नहीं मिली. राज्य की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई। अस्पतालों की बदहाली भी छिपी नहीं है.