PATNA : साल 2020 के आखिरी दिन बिहार सरकार ने देर रात 13 जिलों के एसपी समेत 38 आईपीएस अधिकारियों का भी तबादला कर दिया. आईपीएस अफसरों के साथ-साथ राज्य के 29 IAS अफसरों का भी ट्रांसफर हुआ . इस बार जो ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई है, उसमें कई ऐसे अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जो चर्चा का विषय बने हुए हैं. जैसे कि पिछले 13 साल से गृह सचिव रहे सीनियर आईएएस अधिकारी आमिर सुबहानी को नीतीश सरकार ने सामान्य प्रशासन से हटा दिया है.
इस बार ट्रांसफर-पोस्टिंग में फिर से नालंदा के रहने वाले आईपीएस पति-पत्नी के ऊपर भी सरकार की मेहरबानी खूब दिखी है. मुंगेर हिंसा के बाद विवादों में आई लिपि सिंह को सहरसा का एसपी बनाया गया है. लेकिन इसके आलावा एक और ख़ास बात ये है कि बीजेपी ने जिस एसपी को टारगेट पर लिया था, उनका भी तबादला हो गया है. हम बात कर रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पसंदीदा अफसरों में से एक रोहतास के एसपी सत्यवीर सिंह का, जिन्हें अब साइडलाइन कर दिया गया है. सत्यवीर का तबादला करते हुए उन्हें जमालपुर में बीएमपी-9 का कमांडेंट बना दिया गया है.
2008 बैच के आईपीएस अफसर सत्यवीर सिंह को 2 साल पहले अप्रैल 2018 में दरभंगा के एसएसपी के पद से हटाकर रोहतास का एसपी बनाया गया था. पिछले साल नवंबर 2019 में रोहतास एसपी सत्यवीर सिंह को बीएमपी दो का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. इससे पहले अप्रैल 2016 में ही सत्यवीर सिंह को दरभंगा के नए एसएसपी के पद पर तैनात किया गया था. तब सत्यवीर सिंह छपरा जिला में एसपी के पद पर थे. इसके पहले मई 2014 में जब सत्यवीर सिंह पटना में ट्रैफिक एसपी के पद पर थे तो इन्हें भोजपुर जिला का एसपी बनाया गया था. तब के समय में भोजपुर जिला में पुलिस कप्तान के पद पर तैनात तेजतर्रार महिला आईपीएस किम को सीआईडी में पुलिस अधीक्षक (कमजोर वर्ग) बना दिया गया था.
पटना के गांधी मैदान में हुए बड़े हादसे के बाद आरा के एसपी सत्यवीर सिंह का महज 5 महीने में ही तबादला कर पटना लाया गया. पटना में सत्यवीर को सिटी एसपी की जिम्मेदारी दी गई. जाहिर है महज छह साल के अनुभव वाले इस आईपीएस अफसर पर उनके काम के प्रति सतर्कता और मेहनत को देखते हुए उस वक्त भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने काफी भरोसा जताया. 2014 में ही पटना में कुछ ही दिन सिटी एसपी रहने के बाद सरकार ने इन्हें सारण भेज दिया था. तब छपरा के एसपी के रूप में इनकी नियुक्ति की गई थी.
अनुभवी आईपीएस सत्यवीर सिंह का जन्म 4 अक्टूबर 1982 को हुआ था. ये मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. पटना, आरा, सारण, दरभंगा, रोहतास और नवादा जिले में पोस्टिंग के अलावा ये शेखपुरा जिले में भी अपनी सेवा दे चुके हैं. अब इन्हें मुंगेर जिले के जमालपुर स्थित बीएमपी-9 का कमांडेंट बनाया गया है.
हाल ही में कुछ दिन पहले दिसंबर महीने के दूसरे सप्ताह में रोहतास एसपी के तौर पर काम कर रहे सत्यवीर सिंह विवादों में सामने आये थे. दरअसल सासाराम सीट से बीजेपी के सांसद छेदी पासवान ने इन्हें टारगेट किया था. बीजेपी सांसद छेदी पासवान ने मीडिया के सामने सत्यवीर सिंह को निकम्मा और निठल्ला करार दे दिया था. सांसद ने नीतीश सरकार के ऊपर दबाव बनाते हुए कहा था कि ऐसे एसपी को बिना समय गंवाये तत्काल सस्पेंड कर देना चाहिये.
रोहतास में बेलगाम होते जा रहे अपराध से नाराज बीजेपी सांसद ने गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिख दिया. उन्होंने अपने पत्र में रोहतास के एसपी पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा है कि रोहतास के एसपी निष्क्रिय हैं. क्षेत्र में लगातार ताबड़तोड अपराध हो रहा है. एसपी सत्यवीर सिंह इसे रोकने में विफल हैं. भाजपा सांसद ने कहा है कि एक पखवाड़े में उनके क्षेत्र में आठ हत्याएं हुईं, लेकिन पुलिस अपराधियों को पकड़ने में पूरी तरह विफल साबित हुई. उन्होंने लिखा कि एसपी के कारण रोहतास और बिहार की छवि धूमिल हो रही है. एसपी क्राइम नहीं रोक पा रहे हैं.
छेदी पासवान ने तब कहा कि पिछले 2 साल से आईपीएस सत्यवीर सिंह रोहतास के पुलिस कप्तान बनकर बैठे हुए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी जिले में कुछ ही घंटों में 5-5 हत्याएं हो जा रही हैं. इसलिए कर्तव्यहीनता के कारण ऐसे एसपी को सस्पेंड करना चाहिए. हम आपको बता दें कि आईपीएस सत्यवीर सिंह बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पसंदीदा अधिकारियों में शुमार किये जाते रहे हैं. नीतीश कुमार के राज में उन्हें हमेशा अहम जिलों के एसपी का पद मिलता रहा है. लेकिन शायद यह पहली बार ऐसा मौका है जब सत्यवीर सिंह को किसी भी जिले में एसपी की जिम्मेदारी नहीं दी गई है.