PATNA: बिहार में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति में अब तक लगभग 49 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है. नियुक्त किये गये शिक्षकों की जांच-पड़ताल में पाया गया है कि 632 शिक्षक फर्जी हैं. उन्होंने फर्जी कागजातों के आधार पर नौकरी ले ली है. ये तादाद तब है जब अब तक सभी नवनियुक्त शिक्षकों के कागजातों की जांच नहीं हुई है. सरकार को कई औऱ फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने की उम्मीद है. वहीं उन्हें नियुक्त करने वाली नियोजन इकाई भी शक के दायरे में है.
नौकरी की जगह जेल मिलेगी
दरअसल राज्य सरकार ने निर्देश दे रखा है कि नियोजन इकाईयों द्वारा नियुक्त शिक्षकों के सभी प्रमाण पत्र को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया जाये. ताकि शिक्षा विभाग उनकी जांच पडताल करा सके. राज्य भर की नियोजन इकाईयों ने अब तक कुल चयनित 49 हजार 348 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया है. शिक्षा विभाग ने अपनी जांच में पाया है कि उनमें से 632 ने फर्जी दस्तावेज देकर नौकरी हासिल की है.
अब सरकार उन्हें नौकरी देने के बजाय जेल भेजने की तैयारी में है. ऐसे तमाम फर्जी शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज करायी गयी है. शिक्षा विभाग के मुताबिक फर्जी सर्टिफिकेट देकर नौकरी लेने वालों से सबसे ज्यादा लोग बक्सर में पक़ड में आये हैं. बक्सर में 121 फर्जी शिक्षकों को पकड़ा गया है. वहीं नालंदा में 63 फर्जी टीचर पकड़े गये हैं. सारण में 23, नवादा में 42, बेगूसराय में 19 चयनित शिक्षकों के प्रमाण पत्र पर फर्जी पाए गए हैं.
अभी और फर्जीवाड़े के पकड़े जाने की संभावना
शिक्षा विभाग के मुताबिक सूबे में जितने शिक्षक नियुक्त हुए हैं उनमें से अब तक सिर्फ 64 फीसदी के सर्टिफिकेट की जांच हुई है. यानि एक तिहाई से ज्यादा नवनियुक्ति शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच होना बाकी है. ऐसे में फर्जीवाड़ा करने वालों की तादाद बढ़ने की संभावना है. शिक्षा विभाग शिक्षक नियोजन में चयनित होने वाले हर अभ्यर्थी के हर सर्टिफिकेट की जांच करा रहा है. उनके मैट्रिक और इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र, मार्क्स शीट, शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र और अंक पत्र, टीईटी पास करने का सर्टिफिकेट, अनुभव प्रमाण, जाति और आवास प्रमाण पत्र जैसे तमाम सर्टिफिकेट की जांच करायी जी रही है.
नियुक्ति करने वालों पर भी हो सकती है कार्रवाई
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि चयनित होने वाले शिक्षकों ने जो भी सर्टिफिकेट दिया है उसका वेरीफिकेशन कराया जा रहा है. फर्जी कागजा देने वालों पर तो कार्रवाई की जा रही है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जा रही है. लेकिन सरकार इस बात की भी जांच करेगी कि क्या नियोजन इकाई ने भी इसमें गडबड़ी की है. अगर नियोजन इकाई को भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.