ब्रेकिंग न्यूज़

सीवान में मनचलों ने छेड़खानी के दौरान दो लड़कियों पर चाकू से किया हमला, हालत गंभीर गया में सिंदूर महायज्ञ ने रचा इतिहास: अब तक 8 करोड़ आहुतियाँ, विकास और सनातन पर जोर आरा में संत सम्मेलन का भव्य आयोजन, अजय सिंह ने धर्म-संस्कृति पर दिया जागरूकता का संदेश नीतीश की योजनाओं का क्रेडिट ले रहे तेजस्वी यादव, बोले मंगल पांडेय..लालू परिवार ने किसी का भला नहीं किया 26 जून के छात्र-युवा संवाद को लेकर भोजपुर से जागरूकता रथ रवाना, रथयात्रा से गांव-गांव तक जागरूकता अभियान की शुरुआत नीतीश के गृह क्षेत्र में मुकेश सहनी ने किया वादा, कहा..हमारी सरकार बनी तो निषाद के खाते में 3 महीने तक दिया जाएगा ₹5000 बम की धमकी से मचा हड़कंप: यूके से दिल्ली आ रही एयर इंडिया फ्लाइट की सऊदी अरब में इमरजेंसी लैंडिंग Life Style: जब उम्मीद बाकी हो, तो कोशिशें चमत्कार कर सकती हैं; जानिए... राजा की कहानी परमानंदपुर पंचायत में VIP नेता संजीव मिश्रा का जनसंपर्क अभियान, बोले..अब गांव की सरकार गांव के लोगों के हाथ में होनी चाहिए Road Accident: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क हादसे में बिहार के युवक की मौत, बिजनेस के सिलसिले में गए थे दिल्ली

बिहार में नहीं लागू होगी समान नागरिक संहिता ! CM नीतीश बोले .....इस मामले में मेरा स्टैंड पुराना और स्पष्ट, जल्दबाजी में नहीं होता कोई काम

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Jul 2023 07:27:09 AM IST

बिहार में नहीं लागू होगी समान नागरिक संहिता ! CM नीतीश बोले .....इस मामले में मेरा स्टैंड पुराना और स्पष्ट, जल्दबाजी में नहीं होता कोई काम

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगी। यह बातें बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कल कही है। सीएम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, दिल्ली के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए यह साफ़ कर दिया है कि - बिहार में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगी। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर इस मुद्दे पर ज्ञापन भी सौंपा। इन लोगों ने  मुख्यमंत्री से समान नागरिक संहिता को लागू नहीं करने की पुरजोर अपील की। जिसके बाद सीएम ने कह दिया है कि यह बिहार में लागू नहीं होगा। 


दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश ने प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि -  समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर उनका स्टैंड पुराना है और वह स्पष्ट है। आज भी वे अपने उस स्टैंड पर कायम हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में ही केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर कह दिया था कि इसे लागू नहीं किया जाए। बिहार में इसके माध्यम से प्रतिनिधिमंडल में शामिल शख्सियतों ने अपनी बात रखी और मुख्यमंत्री से समान नागरिक संहिता को लागू नहीं करने की पुरजोर अपील की। 


मालूम हो कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी, 2017 में अपने एक बयान में समान नागरिक संहिता को लेकर इसमें जल्दबाजी नहीं करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि समान नागरिक संहिता एक गंभीर मसला है और इस पर सदन से लेकर सड़क तक चर्चा होनी चाहिए। इसकी  शुरुआत संसद से होनी चाहिए। विधि आयोग ने जिस तरीके से समान नागरिक संहिता पर राज्य सरकार से 16 सूत्री सवाल पूछे थे, वह आपत्तिजनक है।  


आपको बताते चलें कि, इससे पहले विधि आयोग ने शुक्रवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर लोगों के विचार भेजने के लिए समय सीमा बढ़ाकर 28 जुलाई कर दी। आयोग ने गत 14 जून को यूसीसी पर संस्थाओं व आम लोगों से प्रतिक्रिया मांगी थी। प्रतिक्रिया देने की एक माह की समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो गई। हालांकि विधि आयोग ने अब इसे बढ़ा दिया है।