Sultanganj Aguwani Bridge: फिर शुरू हुआ सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का निर्माण, नए डिजाइन के साथ इतने महीने में होगा तैयार Bihar Crime News: शिवहर में युवक की गोली मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस Bihar Weather: राज्य में इस दिन से भारी बारिश, IMD ने जारी कर दी चेतावनी सहरसा में बाइक की डिक्की से चोरी हुए 3 लाख रूपये कटिहार से बरामद, आरोपी फरार आर्केस्ट्रा में नाबालिगों के शोषण के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 21 लड़कियों को कराया मुक्त, 3 आरोपी गिरफ्तार बेगूसराय में बाइक सवार युवकों की दबंगई, 10 रूपये की खातिर पेट्रोल पंप पर की मारपीट और फायरिंग SUPAUL: छातापुर में संतमत सत्संग का 15वां महाधिवेशन संपन्न, VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महर्षि मेही परमहंस को दी श्रद्धांजलि Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Bihar News: बिहार महिला आयोग में भी अध्यक्ष-सदस्यों की हुई नियुक्ति, इन नेत्रियों को मिली जगह, जानें...
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Jul 2023 07:27:09 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगी। यह बातें बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कल कही है। सीएम ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, दिल्ली के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए यह साफ़ कर दिया है कि - बिहार में समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगी। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर इस मुद्दे पर ज्ञापन भी सौंपा। इन लोगों ने मुख्यमंत्री से समान नागरिक संहिता को लागू नहीं करने की पुरजोर अपील की। जिसके बाद सीएम ने कह दिया है कि यह बिहार में लागू नहीं होगा।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश ने प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि - समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर उनका स्टैंड पुराना है और वह स्पष्ट है। आज भी वे अपने उस स्टैंड पर कायम हैं। उन्होंने वर्ष 2017 में ही केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर कह दिया था कि इसे लागू नहीं किया जाए। बिहार में इसके माध्यम से प्रतिनिधिमंडल में शामिल शख्सियतों ने अपनी बात रखी और मुख्यमंत्री से समान नागरिक संहिता को लागू नहीं करने की पुरजोर अपील की।
मालूम हो कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी, 2017 में अपने एक बयान में समान नागरिक संहिता को लेकर इसमें जल्दबाजी नहीं करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि समान नागरिक संहिता एक गंभीर मसला है और इस पर सदन से लेकर सड़क तक चर्चा होनी चाहिए। इसकी शुरुआत संसद से होनी चाहिए। विधि आयोग ने जिस तरीके से समान नागरिक संहिता पर राज्य सरकार से 16 सूत्री सवाल पूछे थे, वह आपत्तिजनक है।
आपको बताते चलें कि, इससे पहले विधि आयोग ने शुक्रवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर लोगों के विचार भेजने के लिए समय सीमा बढ़ाकर 28 जुलाई कर दी। आयोग ने गत 14 जून को यूसीसी पर संस्थाओं व आम लोगों से प्रतिक्रिया मांगी थी। प्रतिक्रिया देने की एक माह की समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो गई। हालांकि विधि आयोग ने अब इसे बढ़ा दिया है।