PATNA : सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सके और नौसिखिया वाहन चालकों को पहले से ही कुशल प्रशिक्षण मिल सके इसके लिए राज्य के सभी 38 जिलों में कुल 61 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जाऐंगे. ट्रेनिंग स्कूलों में जहां नौसिखिया वाहन चालकों को कुशल वाहन चालन का प्रशिक्षण मिल सकेगा, वहीं निजी क्षेत्र के संस्थानों या व्यक्तियों को रोजगार का एक बड़ा अवसर मिलेगा.
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य के निजी क्षेत्र में इच्छुक संस्थानों/व्यक्तियों द्वारा आधुनिक तकनीकी पर आधारित मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना शुरु की जा रही है. मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए जिलों को जिलावार तीन श्रेणी में बांटकर लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बड़े जिले को A श्रेणी में रखा गया, जिसमें 3, मध्यम जिले को B श्रेणी में रखा गया है, जिसमें 2 और C श्रेणी के जिले में एक मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जाएंगे.
बता दें कि पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया और भागलपुर में 3-3 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे. वैशाली, सीवान, समस्तीपुर, रोहतास, मोतिहारी, दरभंगा, बेतिया, भोजपुर, औरंगाबाद, बेगुसराय, गोपालगंज, मधुबनी और नालंदा में 2-2 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे. वहीं अररिया, अरवल, बांका, बक्सर, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नवादा, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल और गोपालगंज में 1-1 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खुलेंगे.
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रशिक्षण के अभाव में वाहन चलाने के दौरान वाहन चालक अक्सर गलतियां करते हैं और दुर्घटना के शिकार होते हैं. सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाहन चालकों को पहले से ही प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है. इससे सड़क दुर्घटना में कमी आ सकेगी. मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए अनुदान के रुप में कुल प्राक्कलित राशि का 50 प्रतिषत या अधिकतम 20 लाख रुपए दोनों में जो न्यूनतम मिलेगा. इसका आवंटन बिहार सड़क सुरक्षा परिषद् द्वारा जिला पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा.
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल निजी क्षेत्र के संस्थान या कोई व्यक्ति भी खोल सकते हैं. सुरक्षित यातायात को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक आधारित वाहन चालन प्रशिक्षण की सुविधा उन क्षेत्रों में भी उपलब्ध करायी जाएगी जहां वर्तमान में पर्याप्त प्रशिक्षण केंद्र नहीं हैं. ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ट्रैक पर ट्रेनिंग देने के साथ ही सेमुलेटर आधारित ट्रेनिंग भी दी जाएगी. सभी मोटर ड्राइवर ट्रेंनिंग स्कूल में सिमुलेटर रखना एवं सिमुलेटर बेस्ड ट्रेंनिंग देना अनिवार्य किया गया है. इसके लिए राज्य के सभी वैध मोटर ड्राइविंग ट्रेंनिंग स्कूल को सिमुलेटर खरीद करने के बाद सहायता राशि का प्रावधान किया गया है.