बिहार में इससे बड़ी जीत चाहती है BJP, हार का कारण जानने और बेहतर परफॉर्मेंस के लिए ब्लूप्रिंट जल्द

बिहार में इससे बड़ी जीत चाहती है BJP, हार का कारण जानने और बेहतर परफॉर्मेंस के लिए ब्लूप्रिंट जल्द

PATNA : साल 2015 के विधानसभा चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में भले ही सत्ता वापसी कर ली हो लेकिन यह जीत बीजेपी के थिंकटैंक माने जाने वाले संगठन के लोगों को रास नहीं आ रही. पार्टी बिहार में सत्ता वापसी से खुश तो है लेकिन वह और बेहतर परिणाम की उम्मीद कर रही है. बिहार में चुनाव के दौरान बीजेपी जिन सीटों पर कड़े मुकाबले में हार गई, उन सीटों पर हार का कारण तलाशने की कवायद शुरू हो गई है. इतना ही नहीं पार्टी और संगठन को पहले से और ज्यादा धारदार बनाने के लिए अब नए सिरे से ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा.


बिहार चुनाव नतीजों की समीक्षा और संगठन को और बेहतर बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव एक बार फिर नए सिरे से कमर करते नजर आएंगे. 2 दिसंबर को ये दोनों बड़े नेता पटना पहुंचने वाले हैं और इनके पटना पहुंचते ही पार्टी के प्रदेश स्तर के तमाम जनप्रतिनिधियों की कई बैठकों का सिलसिला शुरू हो जाएगा. पार्टी के सभी सांसद, विधायक और विधान पार्षदों के साथ-साथ संगठन से जुड़े लोगों जिला अध्यक्ष, महामंत्रियों और विधानसभा प्रभारियों को इन दोनों नेताओं ने तलब किया है. अलग-अलग बैठकों के जरिए यह दोनों नेता इस बात की समीक्षा करेंगे कि पार्टी और बेहतर प्रदर्शन कर सकती है. किन परिस्थितियों में कई सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा इसकी समीक्षा करेंगे.


बीजेपी के संगठन से जुड़े इन नेताओं की दिलचस्पी इस बात में होगी कि आखिर जिन सीटों पर हार हुई वहां परिणाम कैसे बदला जा सकता है. इसके बाद संगठन को लेकर नए सिरे से ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा. इसी ब्लूप्रिंट के जरिए अब पार्टी आगामी चुनाव की तैयारी के लिए खुद को लगा देगी. बिहार में विधानसभा चुनाव भले ही अब 5 साल बाद होने हैं लेकिन लोकसभा चुनाव साढ़े तीन साल के बाद ही होना है. ऐसे में पार्टी नहीं चाहती कि कहीं कोई कोर कसर रह जाए.


बीएल संतोष और भूपेंद्र यादव हार की समीक्षा के दौरान पहले चरण की 19 सीटों को साधने की कोशिश करेंगे, जिनमें 71 में से 29 सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार दिए. इन 29 सीटों में से 13 पर ही बीजेपी के उम्मीदवार जीत पाए. बीजेपी के लिए असल मुश्किल यह भी है कि उसने 10 सेटिंग सीटें हारीं. बिहार बीजेपी अब इसी हार की केमिस्ट्री को जमीनी स्तर पर समझने की कोशिश करेगी, कैसे बूथ लेवल तक संगठन को मजबूत रखा जा सके.


भाजयुमो की समस्या से आगे कैसे निपटने की रणनीति हो इन तमाम एजेंटों पर बीएल संतोष और भूपेंद्र यादव मंथन करेंगे बिहार चुनाव खत्म होने के बाद एक तरफ जहां तमाम पार्टियां जश्न में डूबी है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपनी अगली चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है.