बिहार में दो IPS को लगा झटका, सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, दोनों अधिकारी अगले साल तक सस्पेंड

बिहार में दो IPS को लगा झटका, सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, दोनों अधिकारी अगले साल तक सस्पेंड

PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बालू माफियाओं के साथ सांठगांठ और आय से अधिक अवैध संपत्ति अर्जित करने के मामले में निलंबित चल रहे भोजपुर के पूर्व एसपी राकेश कुमार दुबे और औरंगाबाद के एसपी रहे आईपीएस सुधीर कुमार पोरिका को बड़ा झटका लगा है. इन दोनों अधिकारियों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. सरकार ने इन दोनों अफसरों को अगले साल तक सस्पेंड कर दिया है. बिहार गृह विभाग के आरक्षी शाखा की ओर से अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी गई है.


गृह विभाग की ओर से जारी ज्ञापांक 7268 और 7269 के मुताबिक बालू माफियाओं के साथ सांठगांठ और आय से अधिक संपत्ति के मामले में निलंबित चल रहे आईपीएस अधिकारी और भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश कुमार दूबे और औरंगाबाद के एसपी रहे आईपीएस सुधीर कुमार पोरिका को अगले साल 22 जनवरी 2022 तक सस्पेंड कर दिया गया है.


सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बालू के अवैध उत्खनन, भण्डारण और परिवहन में अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करने, इसमें शामिल माफियाओं को मदद पहुंचाने, अवैध उत्खनन, और अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखने समेत गंभीर आरोपों को देखते हुए सरकार ने 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार पोरिका और प्रमोटेड आईपीएस अधिकारी राकेश कुमार दुबे को तत्काल प्रभाव से 27 जुलाई से 24 सितंबर तक 60 दिनों के लिए निलंबित किया गया. 


इन अधिकारियों से तमाम आरोपों को लेकर जवाब मांगा गया था लेकिन इन दोनों अफसरों ने ऐसा नहीं किया. राकेश कुमार दुबे और सुधीर कुमार पोरिका ने लिखित अभिकथन या बचाव बयान डिपार्टमेंट को नहीं दिया. ऐसी स्थिति में इन दोनों अफसरों के निलंबन को बनाये रखने को विचार किया गया और विचारोपरांत इनके निलंबन अवधि को 24 सितंबर से 120 दिनों तक बढा दिया गया. अब इन्हें अगले साल जनवरी महीने में २२ तारीख तक सस्पेंड कर दिया गया है. निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा.


गौरतलब हो कि भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश कुमार दूबे के चार ठिकानों पर गुरुवार को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने छापेमारी की थी. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में यह कार्रवाई की गई थी. छापेमारी में पटना और झारखंड के दो-दो ठिकानों की तलाशी में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ. बताया जा रहा है कि राकेश ने कई रियल स्टेट कंपनियों में अपनी कमाई लगा रखी है. अबतक की जांच में राकेश दूबे द्वारा 2 करोड़ 55 लाख 49 हजार 691 रुपए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के साक्ष्य मिले हैं.


छापेमारी के दौरान ये बात सामने आई कि उनके द्वारा पटना और देश के कई अन्य शहरों में रियल इस्टेट कम्पनियों में बड़ी मात्रा में निवेश किया गया है. सूचनानुसार उन्होंने आईपीसी इन्फ्रास्ट्रक्चर देवघर, रांची कामिनी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि (निदेशक, जावेद खान), पाटलीपुत्रा बिल्डर्स (निदेशक, अनिल कुमार), ख्याति कन्स्ट्रक्शन, मैक्स ब्लिफ नोएडा, उत्तर प्रदेश (प्रोपराईटर, अजय शर्मा), बिल्ड कॉन और कई अन्य बिल्डर्स के साथ उनकी कम्पनियों में नकद राशि के निवेश कर रखे हैं.


छापेमारी के दौरान पूर्व एसपी के विभिन्न बिल्डर्स से व्यवसायिक संबंध होने के साक्ष्य मिले हैं. आज की तलाशी के क्रम में उनके द्वारा ख्याति कंस्ट्रक्शंस के बैंक खाते में 25 लाख रुपये हस्तान्तरित किए जाने का साक्ष्य पाया गया है. उनके द्वारा अवैध तरीके से कमाये हुए करोड़ों रुपये सूद (ब्याज) पर लगाये गए हैं. फुलवारी शरीफ में अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी के पद पर पदस्थापन के दौरान काफी जमीन क्रय किए जाने की सूचना है. उनके मां और बहन के नाम से भी कई चल और अचल परिसम्पत्तियों के होने की जानकारी मिली है, जिसका सत्यापन एवं अनुसंधान किया जा रहा है.


जसीडीह, देवघर, झारखण्ड में सचिन्द्र रेसिडेन्सी नामक होटल, सुखदानी रेस्टोरेंट और एक मैरेज हॉल के निर्माण में भी पूर्व एसपी की अवैध कमाई निवेशित हैं. वहीं, उनके द्वारा स्वयं और अपनी पत्नी के नाम पर म्यूचुअल फंड में करीब 12 लाख रुपये निवेश किये गये हैं. दुबे द्वारा अपने सेवा काल में वेतन खाता से नकद रुपये की निकासी को लगभग नगण्य पाया गया है.


छापेमारी में अवैध निवेश और आय से अधिक संपत्ति के बड़े स्तर पर राकेश कुमार दूबे के खिलाफ सबूत मिले हैं. मामले की जांच अभी चल ही रही है. काली कमाई से अकूत संपत्ति जमा करने के मामले की इडी (प्रवर्तन निदेशालय) भी जांच कर सकता है. प्रीवेंशन ऑफ करप्शन (पीसी एक्ट) के तहत यह मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. हालांकि, अभी इस मामले में इओयू की जांच चल रही है. चार्जशीट दायर होने के बाद इस मामले को इडी अपने अंतर्गत लेकर इसीआइआर (इन्फोर्समेंट केस इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) दर्ज करेगा और आगे की कार्रवाई करेगा. इस मामले में इडी इनकी सभी अवैध संपत्ति जब्त कर सकता है.


बिहार के भोजपुर जिले से पिछले दिनों कई वीडियो वायरल हुए थे जिसमें साफ दिख रहा था कि पुलिस की निगहबानी में बालू माफिया के ट्रक पास कराए जा रहे हैं. इन वीडियो के सामने आने के बाद भोजपुर समेत कई और जिलों के अफसरों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था. भोजपुर के एसपी रहने के दौरान राकेश दुबे पर ये आरोप लगा था कि उन्होंने बालू के अवैध खनन में करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की है. इसके बाद नीतीश सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। राकेश दुबे पर बालू माफिया से सांठगांठ के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.