डगमगा रही नीतीश सरकार : जीतन राम मांझी ने नीतीश को दी चेतावनी, मेरा बात मानें वर्ना सड़क पर उतरने को तैयार हूं

डगमगा रही नीतीश सरकार : जीतन राम मांझी ने नीतीश को दी चेतावनी, मेरा बात मानें वर्ना सड़क पर उतरने को तैयार हूं

PATNA : संख्या बल नहीं होने के बावजूद मुख्यमंत्री बन गये नीतीश कुमार की नैया डगमगा रही है. पहले से ही बीजेपी का प्रेशर झेल रहे नीतीश के सामने नयी मुसीबत खड़ी हो गयी है. सत्ता में साझीदार पार्टी हम के मुखिया जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर हमले की शुरूआत कर दी है. मांझी ने आज कहा कि उन्होंने सीएम रहते बेरोजगारों को रोजगार देने की योजना शुरू की थी लेकिन नीतीश कुमार ने उसे फाइलों में लटका दिया.




कुछ दिन और सीएम रहता तो बदल देता सूरत
दरअसल मांझी ने आज अपनी पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलायी थी. बैठक को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि वे कुछ दिन और सीएम रहते तो बिहार की सूरत बदल देते. मांझी बोले कि “हम कुछ दिन और मुख्यमंत्री होते तो बेरोजगार जिन्हें नौकरी का मौका नहीं मिला ठेकेदारी में आरक्षण 75 लाख तक निश्चित देते पर अफसोस कि सरकार ने 25 से 50 लाख किया पर अभी भी संचिका में ही है. यदि 75 लाख आरक्षण दिया जाता तो युवा युक्तियां अपने परिवार के लिए ठेकेदारी के माध्यम से काम करते.”


अब सड़क पर उतरने को तैयार हैं मांझी
मांझी ने नीतीश कुमार पर बेरोजगारों को ठेकेदारी देने की योजना को फाइलों में लटकाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वे बेरोजगार बेटा-बेटी के लिए काम करेंगे. उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा कि उन्हें भी बेरोजगारों के लिए काम करना पड़ेगा. इसके लिए अगर हम पार्टी को सड़क पर उतरना पड़े तो उतरेगी. मांझी ने कहा कि वे खुद भी सड़क पर उतरने को तैयार हैं.


मांझी ने सरकार को दिया अल्टीमेटम
जीतन राम मांझी ने कहा कि सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद उन्होंने बेरोजगारों को 5 हजार बेरोजगारी भत्ता, किसानों को 5 एकड़ जमीन तक मुफ्त बिजली, गरीबों को घर बनाने के लिए 5 डिसमिल जमीन और खेती के लिए एक एकड़ जमीन जमीन देने का लक्ष्य रखा था. वे इस सरकार से भी मांग करेंगे कि इसे पूरा किया जाये. जीतन राम मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के लिए नयी योजनायें चलाना और उनके हितों की रक्षा करना हम पार्टी की प्राथमिकता है.


जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में लड़कियों की पढ़ाई पहली क्लास से लेकर पीजी तक पूरी तरह मुफ्त होनी चाहिये. इसका सारा खर्चा सरकार को उठाना चाहिये. वे सरकार के सामने अपनी बात रखेंगे. मांझी आगे बोले कि  “सरकार अगर मेरी बात को मानती है तो मैं सरकार को धन्यवाद दूंगा. लेकिन जन मुद्दों को अगर सरकार नहीं मानती है तो उस स्थिति में हमारे कार्यकर्ता सड़क पर भी उतरेंगे. हम पार्टी के कार्यकर्ताओं को इसके लिए तैयार रहना होगा.”


जीत का श्रेय जेडीयू-बीजेपी को नहीं
विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी के चार विधायक जीत कर आये हैं. जीतन राम मांझी ने इसका श्रेय बीजेपी या जेडीयू को नहीं दिया. उन्होंने कहा कि आज उनकी पार्टी मजबूत स्थिति में है तो इसके लिए हमारे कार्यकर्ताओं का अथक मेहनत और परिश्रम है. हम के कार्यकर्ताओं की बदौलत ही पार्टी के चार विधायक और एक विधान पार्षद हैं. हम पार्टी के कार्यकर्ता ऐसे ही काम करते रहेंगे को विधायकों और विधान पार्षदों की संख्या और बढ़ेगी.