PATNA : बिहार में कोरोना काल में वेतन के लिए संघर्ष कर रहे नियोजित शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. बिहार सरकार ने वेतन भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है. आपको बता दें कि नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है, जबकि स्थायी शिक्षकों को वेतन समय से दिया जा रहा है. जिसे लेकर नियोजित शिक्षक लगातार वेतन भुगतान की मांग कर रहे थे.
बिहार शिक्षा विभाग के उप सचिव की ओर से वित्त विभाग के महालेखाकार को को पत्र लिखकर माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए 20 अरब 43 करोड़ 97 लाख 94 हजार 828 रुपये विमुक्त करने और इसके व्यय की स्वीकृति को लेकर मंजूरी मांगी है.
पत्र में लिखा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य के माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत जिला परिषद और विभिन्न नगर निकायों के तहत स्वीकृत पद के विरूद्ध कार्यरत माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए बीस अरब तेतालीस करोड़ सनतानवे लाख चौरानवे हजार आठ सौ अठाइस रूपये के सहायक अनुदान की स्वीकृति और वित्त विभाग की तरफ से 17 अप्रैल 1998 की कंडिका-2 में निहित चौमाही प्रतिशत बंधेज के शर्तों के अधीन राशि के विमुक्ति और खर्च से जुड़ी मंजूरी मांगी है.
आपको बता दें कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है, जबकि स्थायी शिक्षकों को वेतन समय से दिया जा रहा है. नियोजित शिक्षकों का दो साल से एरियर भी बकाया है. वह भी सरकार नहीं दे रही है. एरियर की रकम भी डेढ़ से दो लाख के बीच हो गई है. दूसरी तरफ उन्हें कोरोना काल में 33 फीसदी हाजिरी भी बनानी पड़ रही है. इसको लेकर नियोजित शिक्षकों में गहरा आक्रोश था.
पिछले दिनों TET-STET उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया था कि बिहार के लाखों शिक्षकों का वेतन तीन महीने से भी अधिक समय से लंबित है. शिक्षक अपनी जान हथेली पर रख कर कोरोना कार्य में प्रतिनियुक्त हैं और अपने दायित्व का पालन कर रहे हैं. कोरोना की भयावहता और रमजान का दवाब शिक्षकों के परिवारों के सामने आर्थिक संकट पैदा कर रहा है, जबकि वेतन महीनों से लंबित है. विभागीय पदाधिकारी राशि आवंटन के अभाव का बहाना बना रहे हैं.