PATNA : पिछले कुछ महीनों से बिहार में चली आ रही बालू की किल्लत अब जल्द ही खत्म हो जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए बड़ी पहल की है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में बालू खनन से जुड़े निविदा प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी गई है। प्रदेश के 8 जिलों नवादा, वैशाली, अरवल, बक्सर, बांका, बेतिया, मधेपुरा और किशनगंज जिलों में शनिवार से बालू का खनन शुरू हो जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे हरी झंडी दी गई। इन जिलों में पहले की बंदोबस्ती में 50 फीसदी अतिरिक्त शुल्क के साथ खनन की अनुमति के प्रस्ताव को सहमति मिली है। इसके लिए छह महीने यानी 31 मार्च 2022 तक पहले की बंदोबस्ती के आधार पर बालू खनन का अवधि विस्तार दिया गया है।
इन 8 जिलों पटना, भोजपुर, सारण, औरंगाबाद, रोहतास, गया, जमुई और लखीसराय में बालू खनन के लिए नए सिरे से टेंडर जारी होगा। टेंडर की जिम्मेवारी बिहार खनिज विकास निगम को दी गई है। खान एवं भूतत्व विकास ने यह प्रस्ताव कैबिनेट में लाया था। कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई। इन 8 जिलों में अधिक बोली लगाने वालों को बालू घाटों का आवंटन किया जाएगा। उसके बाद राज्य सरकार द्वारा तय प्रक्रिया के तहत बालू की बिक्री की जाएगी।
इसके अलावा राज्य सरकार ने नवादा, वैशाली, अरवल, बक्सर, मधेपुरा, बेतिया, किशनगंज और बांका जिले में बालू खनन को अनुमति दी है। सरकार के इस कदम के बाद बालू की किल्लत दूर होने की उम्मीद है।