Bihar Election 2025 : बिहार में खत्म हुआ चुनावी शोर, तेजस्वी और राहुल से अभी ही बहुत आगे निकलें नीतीश; इस बार भी कर लेंगे किला फतह Bihar Election 2025 : नीतीश और मोदी का विकास या तेजस्वी और राहुल का MY समीकरण, बिहार चुनाव के दूसरे चरण में अबतक का क्या रहा है इतिहास Bihar Election 2025: चंपारण की सीटों पर जोरदार मुकाबला, सत्ता का गणित तय करेगी इस क्षेत्र की जनता Bihar Election 2025 : दूसरे चरण में नीतीश मिश्र और नीरज कुमार समेत 12 मंत्रियों का फैसला, कल EVM में कैद होगी किस्मत Bihar News: बिहार में JDU कार्यालय के बाहर मारपीट से मचा बवाल, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप Bihar Election 2025 : दूसरे चरण में BJP के 53 उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला, दिग्गजों ने चुनाव प्रचार में झोकी पूरी ताकत Bihar News: बिहार में इस पार्टी के लिए वोट जुटाने वाले को दबंग ने घर में घुसकर पीटा; बच्चों व महिलाओं को भी बनाया अपना शिकार Patna News: मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, इंदिरा आवास योजना से बना था घर Bihar Weather: बिहार के तापमान में गिरावट लगातार जारी, ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार बनी चिंता का विषय Bihar Election 2025: क्या सीमांचल की 24 सीटें बदल देंगी बिहार की सियासत, दांव पर है नीतीश के मंत्री की किस्मत?
1st Bihar Published by: Updated Sat, 18 Sep 2021 04:23:45 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार सरकार ने 12 बीडीओ पर बड़ी कार्रवाई की है. ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं में गड़बड़ी करने के आरोप में इन अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई है. इनके ऊपर काम में शिथिलता बरतने का आरोप है, जिसे लेकर इनके खिलाफ एक्शन लिया गया है.
बिहार के ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक दरभंगा जिला के बेनीपुर की तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी पुष्पा लाल ने 43 लोगों को इंदिरा आवास की दो-दो इकाइयां दे दीं. पुष्पा लाल इस समय समस्तीपुर में महिला प्रसार पदाधिकारी के पद पर हैं. उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की गई है.
रोहतास जिला के अकोढ़ी गोला में प्रखंड विकास पदाधिकारी रहने के दौरान सुशील कुमार पर लोहिया स्वच्छ बिहार मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, नल जल एवं नाली गली योजना को समय पर पूरा न करने का आरोप लगा था. दो वेतन वृद्धि पर रोक के अलावा निंदन की सजा दी गई है. मुजफफरपुर के साहेबगंज के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी मो युनूस सलीम को निंदन की सजा इसलिए दी गई कि उन्होंने दो ऐसे लोगों को आवास दे दिया, जो इसके हकदार नहीं थे.
मुजफ्फरपुर जिला के औराई में प्रखंड विकास पदाधिकारी रहने के दौरान सत्येंद्र प्रसाद यादव पर आरोप लगा कि उन्होंने प्राथमिकता सूची को दरकिनार कर पांच लोगों को आवास दे दिया. सत्येंद्र के एक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है. पूर्वी चंपारण जिला के पीपराकोठी के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी रितेश कुमार को चेतावनी की सजा दी गई है. उन पर इंदिरा आवास को पूरा करने में घोर लापरवाही का आरोप प्रमाणित हो गया. उनकी सफाई को विभाग ने भ्रामक एवं तथ्यहीन माना.
पटना जिला के पुनपुन के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अजीत कुमार प्रसाद को भी चेतावनी दी गई है. उन पर इंदिरा आवास एवं प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी के अलावा सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी अन्य योजनाओं में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगा. जांच में ये आरोप प्रमाणित भी हुए.
कटिहार जिला के कुर्सेला की तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी नूतन कुमारी पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है. सुस्ती के आरोप में उनकी एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है. जांच में पाया गया कि उनके कार्यकाल में कोई भी सरकारी योजना निर्धारित गति से नहीं चल पा रही थी. पूर्णिया जिला के अमौर के प्रखंड विकास पदाधिकारी रघुनंदन आनंद पर सामान्य लापरवाही के अलावा मुख्यमंत्री नाली गली योजना में सुस्ती बरतने का आरोप है. भविष्य में उन्हें सतर्क रहने के लिए कहा गया है.