बिहार की पुलिस नहीं कर रही है बढ़िया काम, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट ने लगायी मुहर !

बिहार की पुलिस नहीं कर रही है बढ़िया काम, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट ने लगायी मुहर !

DESK: बिहार में थानों का कामकाज सहीं नहीं है। वे कानून के पालन में खरे नहीं उतर रहें। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि देश के गृह मंत्रालय की रिपोर्ट से दूध का दूध और पानी का पानी हो रहा है।

गृह मंत्रालय ने देश के टॉप 10 पुलिस स्टेशनों की लिस्ट जारी की है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अपराध को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले राज्य बिहार के किसी भी पुलिस स्टेशन का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है। और तो और बीजेपी शासित बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का भी कोई थाना इस लिस्ट में जगह नहीं बना सका है।

पिछले एक हफ़्तों में महिलाओं के साथ रेप और फिर हत्या के लगातार कई मामले आ रहे हैं। हैदराबाद रेप-मर्डर कांड के बाद बिहार में इस तरह के दो-दो मामले सामने आये जिसमें महिला को जला कर मार देने की बात सामने आयी। बक्सर और समस्तीपुर की घटनाओं ने बिहार वासियों ही नहीं पूरे देश के लोगों में सिहरन पैदा कर दी। ऐसे में पुलिस स्टेशन की रैंकिग कई राज्यों में बढ़ रहे अपराध की पोल खोल रही है। 

थाने की परफॉर्मेंस के तीन पैमाने तय किए गए थे। पहला संपत्ति से जुड़ा अपराध, दूसरा महिलाओं के खिलाफ अपराध और तीसरा समाज के दबे-कुचले वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराध। जिन थानों में ऐसे मामले कम पाए गए हैं उन्हें सबसे बढ़िया थाना माना गया है।

देश में सबसे अच्छा काम करने वाले पुलिस स्टेशनों की लिस्ट में पहले नंबर पर अबेरदीन थाना है। यह थाना अंडमान निकोबार द्वीप समूह राज्य में आता है। राज्यों के क्रम के मुताबिक आंकलन करें तो अंडमान निकोबार द्वीप समूह के बाद दूसरे स्थान पर गुजरात, तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश, चौथे स्थान पर तमिलनाडु, पांचवें स्थान पर अरुणाचल प्रदेश, छठे स्थान पर दिल्ली, सातवें स्थान पर राजस्थान, आठवें स्थान पर तेलंगाना, नौवें स्थान पर गोवा और दसवें स्थान पर एक बार फिर से एमपी है।