GOPALGANJ: जिस सूबे में डीजीपी ही गुनाहगार बन जाये उस राज्य में नीचे के पुलिसवालों से ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है. बिहार की पुलिस ने एक स्कॉर्पियो गाड़ी को पकड़ कर थाने में लगवा लिया. फिर उस गाड़ी के चारो टायर बदल लिये गये. गाड़ी की बैट्री और दूसरे सामान भी चुरा लिया गया. पुलिस की करतूत से त्रस्त वाहन मालिक ने कोर्ट में गुहार लगायी है, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.
गोपालगंज में हुआ वाकया
मामला गोपालगंज जिले के मांझागढ़ थाने का है. थाने की पुलिस ने एक स्कॉर्पियो गाडी जब्त किया फिर उसके टायर बदल दिए गए. उसके अलावा गाड़ी की बैटरी समेत दूसरे कई सामान की चोरी कर ली गई. ये कारनामा करने का आऱोप मांझागढ़ थाने की पुलिस पर लगा है. वाहन मालिक ने इसकी जानकारी कोर्ट को दी तो कोर्ट भी हैरान रह गया. कोर्ट ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.
पुलिस की करतूत
जिस स्कार्पियो गाड़ी के साथ ये कांड हुआ वह रफी आलम नामक व्यक्ति की है. रफी आलम ने कोर्ट में गुहार लगायी है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि उनकी लाल रंग की स्कार्पियो गाड़ी BR28C-4300 को मांझागढ थाने की पुलिस ने जब्त कर लिया था. पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ रफी आलम कोर्ट में गये और कोर्ट ने इस गाड़ी को मुक्त करने का आदेश मांझागढ़ थाना को दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद रफी आलम जब थाने में अपनी स्कार्पियो को लेने पहुंचे तो हैरान रह गये.
रफी आलम ने देखा कि उनकी गाड़ी के चारों टायर बदल लिये गये हैं. सारे टायर खोलकर निकाल लिये गये हैं और उनकी जगह पुराने जर्जर टायर लगा दिए गए थे. स्कार्पियो गाड़ी की बैटरी गायब थी. उसमें लगा म्यूजिक सिस्टम खोल लिया गया था. स्पीकर भी निकाल लिया गया था. और तो और मैट तक गायब कर दिया गया था.
थानेदार ने कोर्ट को नहीं दिया जवाब
रफी आलम ने जब कोर्ट को अपने साथ हुए इस वाकये की जानकारी दी तो कोर्ट हैरान रह गया. प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा ने पिछले साल ही रफी आलम की शिकायत पर मांझागढ़ के थाना प्रभारी से जवाब मांगा. कोर्ट के निर्देश के बावजूद थाना प्रभारी ने कोई रिपोर्ट नहीं भेजा. इसके बाद कोर्ट ने फिर से इस साल 22 फरवरी 2022 को माझागढ़ थानेदार को पत्र भेजा. इसके बावजूद कोई जवाब नहीं दिया. ऐसे में 31 मार्च को सीजेएम की कोर्ट ने थानेदार को शो कॉज नोटिस भेजा. थानेदार ने उसका भी कोई जवाब नहीं दिया.
डीएसपी को जांच का आदेश
रफी आलम के वकील मुश्ताक आजम ने बताया कि कोर्ट ने कहा है कि पुलिस का काम लोगों की सुरक्षा करना है. पुलिस को देखकर लोगों में सुरक्षित होने की भावना आनी चाहिये लेकिन उसी पुलिस पर थाने में चोरी करने का आरोप लगे तो ये एक गंभीर मामला है. ऐसे में प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा गोपालगंज के एसपी को आदेश दिया है कि वह पूरे मामले की जांच डीएसपी मुख्यालय ज्योति कुमारी से कराएं. डीएसपी अपनी जांच रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर कोर्ट में पेश करें. डीएसपी हेडक्वार्टर अपनी रिपोर्ट में ये भी बताएं कि कोर्ट द्वारा तीन बार जवाब मांगे जाने के बावजूद मांझागढ़ थाना प्रभारी ने कोई जवाब क्यों नहीं दिया.
वकील मुश्ताक आजम ने बताया कि सीजेएम कोर्ट ने डीएसपी मुख्यालय को पांच नवंबर तक रिपोर्ट देने को कहा है.वहीं, इस मामले को पर जब डीएसपी मुख्यालय ज्योति कुमारी से बात की गयी तो उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्हें इस तरह का कोई आदेश अब तक प्राप्त नहीं हुआ है. अगर कोर्ट या उच्चाधिकारियों का कोई आदेश आता है तो मामले की जांच की जायेगी.