SITAMARHI : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बिहार में अलग-अलग स्कूलों के कई शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी. उनका नियोजन रद्द होगा. कहा जा रहा है कि ऐसे शिक्षक जिनकी अवैध तरीके से बहाली की गई थी, उनकी नौकरी जाने वाली है. पूरे मामले की जांच के बाद शिक्षकों का नियोजन रद्द करने का आदेश दे दिया गया है.
बिहार के सीतामढ़ी जिले के बैरगनिया नगर पंचायत अंतर्गत विभिन्न स्कूलों के अवैध तरीके से बहाल किये गए नौ शिक्षकों की नौकरी चली जायेगी. बताया गया कि अवैध नियोजन की शिकायत मिलने के बाद डीएम ने चार सदस्यीय टीम से जांच करा प्राथमिक शिक्षा निदेशक को जांच रिपोर्ट भेजी थी. रिपोर्ट की कॉपी दो सप्ताह पहले नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को भेजकर निदेशक ने कार्रवाई का आदेश दिया था. इधर, डीईओ द्वारा भी डीपीओ, स्थापना को जांच रिपोर्ट के आलोक में कार्रवाई को कहा गया था. हालांकि दोनों के स्तर से अबतक कार्रवाई नहीं की गई है.
मिली जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत, बैरगनिया नियोजन इकाई द्वारा शिक्षक नियोजन में नियमों को ताक पर रख कर किया गया था. सामाजिक विज्ञान के दो रिक्त पद पर रंजीत कुमार और सरोज कुमार के बहाली के बाद छह और अभ्यर्थी क्रमश: शकील अहमद, जितेंद्र कुमार, हरिनंदन कुमार, सुनीता कुमारी, अंचला कुमारी और रामविनय कुमार का नियोजन कर दिया गया था.
इधर उर्दू शिक्षक का मात्र एक पद रिक्त था, जबकि दो शिक्षक हमाद व मो शमुन बहाल कर दिए गए थे. इस पर टीम ने आपत्ति की थी. पुस्तकालय अध्यक्ष का भी कोई पद खाली नहीं था. फिर भी अमृता कुमारी को बहाल कर दिया गया था. इतिहास विषय के शिक्षक का एक भी खाली नही होने के बावजूद चुनचुन कुमार और राजू कुमार की बहाली कर दी गई थी. इन तमाम शिक्षकों की बहाली को टीम ने नियम के विपरीत माना था.
जांच टीम ने जांच के दौरान शिक्षक नियोजन से जुड़े कागजातों की मांग की तो नगर पंचायत, बैरगनिया के कार्यपालक पदाधिकारी ने यह कहते हुए उपलब्ध कराने से हाथ खड़ा कर दिया गया था कि वर्ष 2017 की बाढ़ में नियोजन संबधित कागजात नष्ट हो गया है. बता दें कि नियोजन इकाई में नगर पंचायत के सभापति, कार्यपालक पदाधिकारी, शिक्षा समिति के एक सदस्य, डीएम द्वारा मनोनीत अनुसूचित जाति के एक सदस्य और डीपीओ स्थापना शामिल थे.