ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत Bihar News: पटना में युवक की आत्महत्या से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा

बिहार के सभी डीईओ का वेतन रूका, खर्च का हिसाब नहीं देने का आरोप

1st Bihar Published by: Updated Tue, 15 Sep 2020 07:55:15 AM IST

बिहार के सभी डीईओ का वेतन रूका, खर्च का हिसाब नहीं देने का आरोप

- फ़ोटो

PATNA:  बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों का मई से वेतन रोक दिया गया है. सभी पर आरोप है कि खर्च का हिसाब नहीं दिए हैं. जिसके कारण इनलोगों का वेतन रोका गया है. 

अब तक नहीं दे पाए खर्च

बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने जिलों के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रयोगशाला उपकरण और दूसरे संसाधनों पर किए गए खर्च की राशि के बारे में जानकारी अब तक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को नहीं दिए है. इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने जून में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भी लिखा था, लेकिन इसको गंभीरता से नहीं लिया. 

पहले ही दी गई थी चेतावनी

वेतन रोकने को लेकर पहले से निदेशक ने कहा था कि अगर मांगी गई जानकारी 16 सितंबर तक नहीं मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद अब वेतन पर रोक लगा दिया गया है. माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूलों को 2 अरब से अधिक की राशि दी गयी थी. इस राशि से उच्च माध्यमिक स्कूलों को उपस्करों की खरीद के लिए दिया गया था. लेकिन इसका हिसाब अब तक नहीं दे पाये है. इसके अलावे कई माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों ने तो उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र ही नहीं दिए. खुलासा हुआ कि उपकरण खरीदा ही नहीं गया.