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बिहार के इस इलाके में बाघिन का खौफ, सहमे हुए किसान फसल काटने नहीं जा रहे

बिहार के इस इलाके में बाघिन का खौफ, सहमे हुए किसान फसल काटने नहीं जा रहे

BAGAHA : बिहार के कई इलाकों में किसान घोड़परास यानी नीलगाय से परेशान रहते हैं। घोड़परास फसल को नुकसान पहुंचाते हैं और इसके लिए दो दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान में कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए थे लेकिन सूबे का एक इलाका ऐसा भी है जहां गांव वाले और किसान आजाद घूम रही बाघिन से परेशान हैं। यह बाघिन अपने दो बच्चों के साथ आजकल गांव वाले इलाके में पहुंच जाती है, जिसे लेकर किसान खासे परेशान हैं। 


खबर पश्चिम चंपारण के बगहा वाले दियारा इलाके से है। यहां किसानों में बाघिन और उसके दो बच्चों को लेकर खौफ का आलम है। हालात ऐसे बन गए हैं कि खेत में फसल तैयार खड़ी है लेकिन किसान इसे काटने के लिए नहीं जा रहे हैं। दरअसल गांव के लोगों ने एक बाघिन को उसके दो बच्चों के साथ घूमते हुए देखा है। यह पूरा इलाका वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है। यहां जंगली जानवरों की गतिविधियां अक्सर देखने को मिलती हैं लेकिन पिपरासी प्रखंड के कुछ इलाकों में इन दिनों बाघिन का खौफ है। स्थानीय लोगों के मुताबिक खेत में काम करने वाले किसानों ने बाघिन को देखा है। इतना ही नहीं उसके पैरों के निशान भी खेत और जमीन पर मिले हैं। 


किसानों के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि खेत में गेहूं की फसल कटाई का इंतजार कर रही है। अगर समय पर कटाई नहीं हुई और बारिश या ओले पड़े तो ऐसी स्थिति में फसल बर्बाद हो जाएगी। मसूर की फसल भी पक कर तैयार है लेकिन बाघिन के डर से किसान खेत में नहीं जा रहे हैं। ऐसे में उनके सामने कोई विकल्प नहीं बचता। वन संरक्षक के मुताबिक बाघिन के फुट मार्क नहीं मिले हैं, वयस्क बाघ के पैरों के निशान जरूर मिले हैं और उसी के आधार पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।