PATNA: बिहार के एक गांव में आधा दर्जन से ज्यादा मगरमच्छ पहुंच गये हैं. मगरमच्छ गांव के पास से गुजर रही नहर में रह रहे हैं. खूंखार मगरमच्छों के डर से सिर्फ उसी गांव के नहीं बल्कि आस-पास के गांव के लोगों ने इलाके में जाना छोड़ दिया है. ग्रामीण बिहार सरकार के वन विभाग से अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.
पश्चिम चंपारण जिले का मामला
ये वाकया है पश्चिम चंपारण जिले का. नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे गांव में पिछले कई दिनों से मगरमच्छों ने अपना डेरा जमाया हुआ है. इसके चलते गांव वालों में दहशत है. लोग अपने घरों से खेत में काम करने के लिए जाने से कतरा रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि गांव की नहर में आधा दर्जन से ज्यादा मगरमच्छ आ गए हैं. वे अक्सर नहर से बाहर निकल कर खेत में घूमते भी दिख जा रहे हैं. लेकिन स्थानीय प्रशासन और वन विभाग कुछ नहीं कर रहा है.
गंडक नदी से नहर के रास्ते पहुंचे मगरमच्छ
दरअसल पश्चिम चंपारण के वाल्मिकीनगर में गंडक नदी पर बराज है. यहीं से नहर निकलती है. गंडक नदी में रहने वाले मगरमच्छ बराज पर रूकावट के कारण नहर में घुस जाते हैं और फिर ग्रामीण इलाके में पहुंच जाते हैं. स्थानीय लोग बता रहे हैं कि आधा दर्जन से ज्यादा मगरमच्छ वाल्मिकीनगर के ओझवलिया और सहादतपुर दोनवार शनिचरी गांव के बीच से गुजरने वाली नहर में पहुंच गये हैं. इन मगरमच्छों ने 40 आरडी पुल के किनारे डेरा जमा लिया है.
ग्रामीण वशिष्ठ महतो ,छेदी महतो, उपेंद्र कुमार समेत दूसरे लोगों ने बताया कि 15-20 दिनों से नहर के किनारे लगभग आधा दर्जन मगरमच्छ दिख रहे हैं. उनके डर से लोगों ने उधर जाना छोड़ दिया है. गांव के किसान अपने मवेशी को धोने के लिए नहर में जाते थे. लेकिन अब मवेशी पालक नहर के किनारे नहीं जा रहे हैं . किसान ब्रजेश महतो ने बताया कि नहर के किनारे उनकी खेती बाड़ी वाली जमीन है. शुक्रवार को जब वे नहर के किनारे गए तो उन्हें अचानक दो मगरमच्छ दिख गये. ब्रजेश महतो किसी तरह जान बचाकर वहां से भागे.
किसान ब्रजेश महतो ने इस वाकये की जानकारी गांव के लोगों के साथ साथ स्थानीय मुखिया को भी दिया है. दोनवार पंचायत की मुखिया सविता देवी ने मीडिया को बताया कि यहां मगरमच्छों ने अपना अड्डा जमा लिया है, इससे ग्रामीणो में भय का माहौल है. नहर के किनारे जमीन वाले किसान अपने खेत में नहीं जा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने प्रशासन और वन विभाग को मगरमच्छों को लेकर जानकारी दी है लेकिन कोई वहां नहीं पहुंचा है.