PATNA : आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ-साथ इसकी खामियों को दूर करने की तरफ आगे बढ़ने वाली है। राज्य सरकार ने बक्सर, भागलपुर और दरभंगा में बंद पड़े आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों को एक बार फिर से शुरू करने का फैसला किया है। इन आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में एक बार फिर से पढ़ाई शुरू होगी। फिलहाल यह तीनों कॉलेज बंद हैं। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस बात का ऐलान किया है। इन कॉलेजों को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि बिहार में आयुष चिकित्सा पद्धति को बेहतर करने के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजकों और जीएनएम की तैनाती की प्रक्रिया राज्य सरकार शुरू कर चुकी है। सूबे के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और वेलनेस सेंटर पर आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा लोगों के लिए मुहैया कराई जाएगी। पटना और गोपालगंज में 50 बेड के आयुष हॉस्पिटल की स्थापना भी की जानी है। मंगल पांडे ने कहा है कि आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा कॉलेजों की शैक्षिक और आधारभूत संरचना की कमियों को दूर करना सरकार के एजेंडे में शामिल है।
आपको बता दें कि बक्सर के साथ-साथ भागलपुर और दरभंगा में चल रहे आयुर्वेदिक कॉलेजों को बंद कर दिया गया था। बक्सर आयुर्वेदिक कॉलेज का मामला विधानसभा में भी उठ चुका है। इसे खोलने की मांग लगातार होती रही है। अब मंगल पांडे के इस बयान के बाद आयुर्वेदिक कॉलेज पुनर्जीवित किए जाने की उम्मीद बढ़ी है और ऐसे में आयुष चिकित्सा को लेकर लोग भी जागरूक होंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि बेगूसराय और दरभंगा के राजकीय आयुर्वैदिक महाविद्यालय में दो नए भवन बनाए जाएंगे। मुजफ्फरपुर स्थित होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में भी नए भवन का निर्माण कराया जाएगा।